आखिर सरकार कुमाऊं के दूरस्थ पर्वत वासियों से क्यों कर रही है छल

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उधम सिंह नगर के किच्छा में सैटेलाइट केंद्र यानी एम्स ऋषिकेश की इकाई के रूप में सेटेलाइट केंद्र संचालित करने की स्वीकृति जारी हो गई है।

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कुमाऊ मंडल में एम्स या पीजीआई शाखा खोलने को लेकर पिछले ढाई वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया गया था और लगातार क्षेत्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चिंतित बलूनी के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा कुमाऊं में एम्स की स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर फायदा मिले इसके लिये ऋषिकेश एम्स का सैटेलाइट केंद्र खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है।

राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की सोच यह थी कि कुमाऊं के पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और ग्रामीणों को अत्यधिक बीमारी की हालत में स्वास्थ्य लाभ के लिए ज्यादा सफर ना करना पड़े इसके लिए उन्होंने कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में सेटेलाइट केंद्र खोलने की सिफारिश की थी लेकिन इसके विपरीत राज्य सरकार ने एम्स का सैटेलाइट केंद्र खोलने के लिए जनपद उधम सिंह नगर के किच्छा का चयन किया।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि जनपद उधम सिंह नगर किच्छा से बरेली या दिल्ली जाकर भी लोग इलाज कराने में सक्षम है क्योंकि पहाड़ के बनिस्बत इन मैदानी इलाकों (दिल्ली , बरेली से किच्छा) की दूरी कम है वहीं दूसरी ओर किच्छा में एम्स का सेटेलाइट केंद्र खुलने से ज्यादातर उत्तर प्रदेश या अन्य प्रदेश वासियों को ही ज्यादातर स्वास्थ लाभ का फायदा मिल सकता है।

पहाड़ी इलाकों के बाशिंदों के लिए बीमारी की हालत में यह लंबी दूरी काफी कष्टप्रद होगी कुमाऊं मंडल के खासकर दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ राज्य सरकार का यह फैसला वाकई हैरान करने वाला है।

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