उत्तराखंड : मदरसा इस्लामिया अरबिया में किया गया ध्वजारोहण.. तिरंगा फहराने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने कही यह बड़ी बात..
आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. धर्मनगरी हरिद्वार में भी अमृत महोत्सव को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. योग गुरु बाबा रामदेव ने मदरसा इस्लामिया अरबिया कुरान बोड़ा हेडी मैं झंडा फहराकर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश दिया. पतंजलि योगपीठ से मदरसे तक योग गुरु बाबा रामदेव आचार्य बालकृष्ण सहित पतंजलि योगपीठ के कार्यकर्ता द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई. मदरसे में ध्वजारोहण कार्यक्रम में हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय और मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल हुए.
धर्मनगरी हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा मदरसा इस्लामिया अरबिया कुरान बोड़ा हेडी में झंडा फहराते समय मदरसा की लापरवाही सामने आई. जिस दौरान बाबा रामदेव झंडा फहरा रहे थे तभी डंडा टूट गया. उस वक्त भारी संख्या में छत पर लोग मौजूद थे, झंडा टूटते ही माहौल खराब ना हो इसलिए बाबा रामदेव ने खुद मोर्चा संभाला.
मदरसे में झंडा फहराना भाईचारा की बहुत बड़ी मिसाल’
योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि आजादी का यह दिन बहुत से महापुरुष नहीं देख पाए हैं. मगर आज हम अपनी आंखों से आजादी का अमृत महोत्सव देख रहे हैं और मना रहे हैं. 2047 में जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा. उस वक्त संपूर्ण देशवासियों को अपने कर्तव्य को निभाते हुए भारत को विश्वगुरु बनाना है. आज शिक्षा स्वास्थ्य उद्योग और देश की सुरक्षा को लेकर देश ने गौरव पूर्ण उपलब्धि हासिल की है. इसके लिए हम उन करोड़ों देशवासियों का अभिनंदन करते हैं जिनके पुराषत से आज भारत शक्तिशाली रूप में खड़ा है. बाबा रामदेव का कहना है कि आज पूरे देश में एक जज्बा देखने को मिल रहा है. मुझे मुस्लिम भाइयों ने मदरसे में झंडा फहराने बुलवाया यह भारतीय भाईचारा की बहुत बड़ी मिसाल है.
100 से ज्यादा बीमारियों को ठीक किया गया’
बाबा रामदेव का कहना है कि हर घर तिरंगा केवल 15 अगस्त तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. 365 दिन हर घर मठ मंदिरों, मस्जिद, गिरजाघरों और गुरुद्वारों पर तिरंगा रहना चाहिए. यह अभियान अब टूटना नहीं अखंड रहना चाहिए. वहीं आजादी के अमृत महोत्सव पर योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि द्वारा किए जा रहे कार्य को लेकर कहा कि दुनिया में योग आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा से लेकर स्वदेशी से स्वावलंबी आत्मनिर्भर भारत बनाने का सबसे बड़ा विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है. वह पतंजलि योगपीठ ने किया है. 100 से ज्यादा बीमारियों को ठीक किया गया. जब इंसुलिन बनाने वाले व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार दिया जाता है तो इंसुलिन छुड़ाने वाले नोबेल पुरस्कार का अधिकार है. पतंजलि योगपीठ सो नोबेल पुरस्कार दिलाने का अधिकार रखती है. हमें पुरस्कार की कोई चाह नहीं है मगर हम अपनी उपलब्धि को भारत से पूरे विश्व में लेकर आएंगे
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