उत्तराखण्ड : ब्यूरोक्रेसी में होगा बदलाव .. जानें क्या है वजह

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उत्तराखण्ड : राज्य में होने विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू और मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या को एक पत्र भेजा है। इसमें निर्देश दिए हैं कि जो अधिकारी पिछले तीन साल से एक ही जगह तैनात हैं उन्हें तत्काल हटाया जाए, जाहिर है अब निर्वाचन आयोग के इस निर्देश के बाद ब्यूरोक्रेसी में एक बार फिर बदलाव का दौर शुरू हो जाएगा।

निर्वाचन आयोग की ओर से आए पत्र के मुताबिक, उत्तराखंड में विधानसभा की अवधि 23 मार्च 2022 को खत्म होने जा रही है। इससे पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होने हैं, जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। पत्र में मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों और पिछले चार साल के दौरान तीन साल एक ही जिले में तैनात अधिकारियों का तबादला करें। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से आमतौर पर निर्देश जारी किए जाते हैं ताकि अधिकारी किसी भी तरीके से चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया निष्पक्ष व स्वतंत्र बनी रहे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने इसकी पुष्टि की।

2021 साल के आखरी महीने दिसंबर में लग सकती है आचार संहिता,उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता दिसंबर माह में लग सकती है। राज्य का निर्वाचन विभाग चुनावी तैयारियों में जुट गया है। मतदाताओं सूचियों को अपडेट करने का काम चल रहा है।

हालांकि राज्य सरकार ने इसकी पहले से तैयारियां कर कर ली हैं चुनाव आयोग के निर्देश आने से पहले ही प्रदेश में तबादलों का सिलसिला जारी है। इसके तहत लगातार अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के अलावा पीसीएस अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं। हालांकि चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद अभी कई और अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे। अब कार्मिक विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है।

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