उत्तराखंड : मंकीपाक्स को लेकर स्वास्थ विभाग ने जारी की SOP .. सभी जिलों में अलर्ट रहने के निर्देश..
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपाक्स को लेकर SOP जारी कर दी है। जिसके तहत सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सर्विलांस सिस्टम को सुदृढ़ करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एसओपी
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर मंगलवार को उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसओपी जारी की गई। एसओपी में एहतियात के तौर पर विदेश यात्रा से लौटने वालों में मंकीपाक्स के लक्षणों पर नजर रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
केरल व दिल्ली में मंकीपाक्स का मामला मिलने के बाद उत्तराखंड के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी में मंकीपाक्स के लक्षण पाए जाते हैं तो सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाए और उसे आइसोलेशन में रखा जाए।
एसओपी में दिए गए निर्देश
1- एक केस मिलने पर भी उसे प्रकोप माना जाएगा।
2- कोई केस मिलने के बाद तुरंत कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाए।
3- किसी संदिग्ध के मिलने पर तुरंत जिला सर्विलांस यूनिट को सूचना दी जाए।
4- गाइड लाइन के मुताबिक सैंपल भेजे जाएं।
5- रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा जांच की जाए।
6- केसों की संभावना को देखते हुए टारगेटेड सर्विलांस स्थापित किया जाए।
7- फ्रंट लाइन वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पिछले दिनों संदेह के आधार पर हरिद्वार से एक व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, जो निगेटिव आया था।
कोरोना जैसी बीमारी नहीं है मंकीपॉक्स:
इसी बीच मंकीपॉक्स खतरे को लेकर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दुनिया भर में इस वक्त मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है. अपने देश में भी इसके मामले सामने आए हैं. ऐसे में इससे बचाव और सावधानी बेहद जरूरी है. कुछ चीजों का ध्यान रखकर हम इसके खतरे से बचे रह सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि मंकीपॉक्स कोरोना जैसी बीमारी नहीं है.
मंकीपॉक्स वायरस एक डीएनए वायरस है, जिसकी अच्छी बात यह है कि यह अपना रंग-रूप नहीं बदलता है. जबकि कोविड अपना रंग-रूप बदलता आया है.
: एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरीके से कोरोनावायरस फैलता है वैसे मंकीपॉक्स वायरस नहीं फैलता. एक्सपर्ट का मानना है कि मंकीपॉक्स वायरस कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसको लेकर लापरवाह होना भी खतरनाक हो सकता है. इसके लिए सावधानी और कुछ एहतियाती कदम अगर उठाए जाएं तो आप इस संक्रमण से बचे रह सकते हैं.
इन लोगों को भी हो सकता है मंकीपॉक्स:
मंकीपॉक्स वायरस पहले अफ्रीकन देशों में मंकीस में देखा जाता था. इसीलिए इसे मंकीपॉक्स वायरस का नाम दिया गया. इस वायरस का जींस जिसे ऑर्थोपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है, यह स्मॉल पॉक्स से भी बिलॉन्ग करता है. ऐसे में वह लोग यह जरा भी ना सोचें कि जिन्हें पहले स्मॉलपॉक्स या चिकनपॉक्स हो गया है, वह इस बीमारी से संक्रमित नहीं हो सकते या उनके लिए इसका खतरा नहीं है. हालांकि, इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है.
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