उत्तराखंड : उत्तर प्रदेश से मिली आर.टी.आई.सूचना के अनुसार वहां 5 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बने, इससे 45 लाख से अधिक मरीजों को फायदा मिला जिसपर 4971 करोड़ से अधिक धन खर्च हो गया। सूचना में ये भी बताया गया है कि अनियमितता बरतने पर 386 चिकित्सालयों को हटाया गया।
हल्द्वानी निवासी आर.टी.आई.एक्टविस्ट हेमंत गोनिया ने सूचना का अधिकार अधिनियम(आर.टी.आई.)में उत्तर प्रदेश में बनाए गए पांच करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्डों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।
उत्तर प्रदेश के स्टेट नोडल जन सूचनाधिकारी डॉ. बी.के.श्रीवास्तव की तरफ से 8 अगस्त को जारी सूचना के आधार में आयुष्मान योजना का खुलासा हुआ है। उनके अनुसार यू.पी.में 5 करोड़ 12 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जबकि इसमें से 45.34 लाख कार्ड धारकों के इलाज में 4971.08 करोड़ रुपया खर्च हुआ है।
राष्ट्र के सबसे बड़े और सबसे अधिक घनत्व वाले राज्य में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ हर वर्ग को मिल रहा है। सूचना में बताया गया है कि पांच लाख रुपया प्रति परिवार प्रतिवर्ष खर्च करने का प्रावधान है और बीमारियों की जानकारी pmjay.gov.in/hospital/hbc और आबद्ध चिकित्सालयों की विस्तृत जानकारी ayush man.in पर उपलब्ध हो सकेगी।
सूचना में ये भी कहा गया है कि एस.एच.ए.का जांच दल समय समय पर चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण करता है। दल को अनियमितता मिलने पर एन.एच.ए.के नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। ये भी बताया गया कि अबतक अनियमितता वाले ऐसे 386 चिकित्सालयों को de-empanelled(पैनल से बाहर)किया जा चुका है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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