उत्तराखंड : रेड अलर्ट – बाढ़ और भूस्खलन का खतरा, एडवाइजरी जारी..


उत्तराखंड में ब्रेकलेस बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लगातार बारिश ने जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। वही आने वाले दिनों में भी मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले पांच दिनों में प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेश सरकार भी चौकन्नी हो गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
स्कूलों में छुट्टी
जनपद अल्मोड़ा और चमोली में 13 और 14 अगस्त को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। जबकि नैनीताल, देहरादून, बागेश्वर, उत्तरकाशी में 13 अगस्त यानी आज बुधवार को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी के आदेश जारी किए गए हैं।
सभी जिलाधिकारियों को जारी एडवाइजरी में उन्हें हर स्तर पर तत्परता और सुरक्षा बनाने को कहा गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इन सभी जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार को राज्य के बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिलों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना के लिए रेड अलर्ट जारी हुआ है।
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया, 13 से 15 अगस्त तक प्रदेशभर में भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने की भी आशंका है। हिदायत देते हुए कहा कि बारिश के दौरान नदी-नालों के आसपास न जाएं और आवश्यक न हो तो पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से बचें। वहीं, देहरादून में कल कक्षा एक से 12 तक और सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।
14 अगस्त को भी बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। 15 अगस्त को भी मानसून के ऐसे ही तल्ख तेवर बरकरार रहने का अनुमान है। इस दिन देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। 16 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर व चंपावत जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
बाढ़ – भूस्खलन का खतरा
भारी से बहुत भारी बारिश होने से राज्य के पर्वतीय जिलों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा है। इससे राज्य के निचले इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है। खतरे की इन संभावना के मद्देनजर एसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने जिलाधिकारियों को किसी भी तरह की आपदा या दुर्घटना से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
लोनिवि, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ, एनएचएआई को निर्देश दिए गए हैं कि भारी बारिश से बंद होने वाले मोटर मार्गों को तत्काल खोलने के लिए पहले से ही सभी इंतजाम पूरे कर लिए जाएं। सभी चौकी व थानों को भी आपदा प्रबंधन संबंधी उपकरणों एवं वारयलैस सैट के साथ हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों को ताकीद किया गया है कि वे अपना मोबाइल स्विच ऑफ नहीं रखेंगे। अत्यधिक बारिश की स्थिति में पर्यटकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने से रोकने को कहा गया है।
151 सड़कें बन्द
प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 151 सड़कें बंद हैं। जिससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक उत्तरकाशी में 17, अल्मोड़ा और बागेश्वर में आठ-आठ, चमोली में 18, देहरादून में 15, हरिद्वार में एक, नैनीताल में 5, पौड़ी-पिथौरागढ़ में 20-20, रुद्रप्रयाग में 22 और टिहरी जिले में 17 सड़कें बंद हैं।


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