उत्तराखंड : बारिश ने ढाया कहर_10 लोगों की मौत,केदारनाथ यात्रा पर ब्रेक

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इन दिनों पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। कहीं बादल फटने तो कहीं सड़क पर मलबा और पत्थर आने के कारण हुए अलग-अलग हादसों में 10 लोगों की मौत हो गई है। तेज बारिश के कारण नदियों पर बने पुल बह गए हैं, जिस कारण लोगों का जीवन थम गया है।

पहाड़ों में हो रही मूसलाधार बारिश जमकर तबाही मचा रही है। बुधवार को हुई भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भारी बारिश और बादल फटने के कारण चार धाम यात्रा पूरी तरह से प्रभावित है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मालवा आने के कारण हजारों कावड़िये फंस गए हैं। हालांकि हाईवे पर एक जेसीबी लगाकर मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।

सड़क पर फंसे कांवड़िए सरकार को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि सावन के महापर्व शिवरात्रि पर कांवड़ भगवान शिव को समर्पित की जाती है लेकिन वह सड़क बंद होने के कारण फंस गए हैं। अब चिंता यह है कि वह शिवरात्रि तक भगवान शिव को जल कैसे चढ़ा पाएंगे?

दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने सीमा सड़क संगठन को घेरना शुरू कर दिया है। स्थानीय निवासी विनोद राणा के मुताबिक सड़क बंद होने पर सीमा सड़क संगठन की ओर से छोटी मशीन भेजी जा रही है। इस कारण कई बार सड़क से मलबा हटाने में पूरा दिन लग रहा है और यात्री परेशान हो रहे हैं।

बुधवार को हुई तेज बारिश के बाद थराली की प्राणमती नदी पर बना पुल एक बार फिर बह गया है। बुधवार दोपहर को डीडीआरएफ द्वारा बनाया गया यह पुल महज कुछ घंटे में ही बह गया। एक माह में दो बार यहां अस्थाई पुल बनाया गया जो बनने के बाद फिर से बह गया है। इस पुल से थराली के पांच गांव के ग्रामीण आवागमन करते हैं जो कि अब ठप हो गया है।

पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश के कारण हुए अलग-अलग हादसों में 10 लोगों की मौत हो गई है। कहीं बादल फटने तो कहीं पहाड़ी से मलवा और पत्थर गिरने के कारण लोगों की मौत हुई है। इन दिनों बरसात पहाड़ों पर कहर बनकर बरस रही है।

उत्तराखंड में बुधवार को हुई भारी बारिश से कई जगह जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलग-अलग हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। उधर, केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। टिहरी में तिलवाड़ा पुल बह गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है।

सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग में बाजारों के साथ होट और लॉज को खाली करवा दिया। तप्तकुंड और केदारनाथ पैदल मार्ग को करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। एहतियात के तौर पर 200 लोगों को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस और पुलिस चौकी में ठहराया गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच चट्टान रास्ते पर गिरने की भी सूचना है।

उधर, टिहरी के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से दंपती भानु व नीलम की मौत हो गई। जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। दूसरी ओर चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं।वहीं हरिद्वार में ढहे मकान के मलबे में दबकर दो बच्चों की मौत हो गयी है।

उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर बादल फटने से मची तबाही के बाद चार धाम यात्रा रोक दी गई है। केदार घाटी को पूरी तरह हाई अलर्ट कर दिया गया है। वहीं बड़ी लिंचोली में फंसे तीर्थ यात्रियों को रेस्क्यू किया जा रहा है। तीर्थ यात्रियों को आपातकालीन हेलीपैड पर लाया जा रहा है।

साथ ही नदी पार करवाने के लिए एनडीआरएफ के जवान मदद कर रहे हैं। उधर खबर है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग में हुई अतिवृष्टि से प्रभावित हुए क्षेत्र का हवाई निरीक्षण करेंगे। इस दौरान वह बचाव और राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा करेंगे। इस घटना ने उत्तराखंड केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं।

आज नहीं होंगे चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन


मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए रेड अलर्ट के चलते एवं आयुक्त गढ़वाल मंडल ने निर्देश दिए हैं कि हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थित पंजीकरण केंद्र में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया स्थगित रहेगी। वहीं, जिलाधिकारी यात्रा को लेकर अपने स्तर से निर्णय लेंगे।

आज प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने आज राज्य के सभी जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। जबकि तीन जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। भारी बारिश के मद्देनजर खासतौर पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार बृहस्पतिवार को नैनीताल, ऊधमसिंहनगर एवं चंपावत जिले में कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान आकाशीय बिजली के चमकने और बारिश के तीव्र से तीव्र दौर होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। भारी बारिश के मद्देनजर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जनपदों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि शेष अन्य जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है

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