उत्तराखंड के लिए बड़ा दिन..इस ज़िले में मिला 50 करोड़ साल पुराना स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्म…

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टिहरी गढ़वाल 30.10.2020 GKM NEWS टिहरी जिले के प्रतापनगर के पहाड़ी में मिला 50 करोड साल पुराना स्ट्रोमैटोलाइट फॉसिल्स उत्तराखंड के अल्मोड़ा नैनीताल के बाद अब टिहरी जिले में स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्म मिले हैं। टिहरी जिले के प्रतापनगर के पीड़ी पर्वत में स्ट्रोमैटोलाइट फॉसिल्स (धारीदार अवसादी शैल) का खजाना मिला है।

यह लगभग 50 करोड़ साल पुराने माने जा रहे इन स्ट्रोमैटोलाइट फॉसिल्स को परीक्षण के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय भेजा गया था। देश के प्रसिद्ध भू-विज्ञानी प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया इस पर अध्ययन कर रहे हैं। बताया जा था है कि पीड़ी पर्वत में कई अन्य स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्म भी मौजूद हैं। इससे अब टिहरी वन प्रभाग भी खासा उत्साहित नजर आ रहा है टिहरी वन प्रभाग के प्रतापनगर ब्लॉक में समुद्रतल से 8367 फीट की मीटर की ऊंचाई पर स्थित पीड़ी पर्वत में करोड़ों साल पुराना स्ट्रोमैटोलाइट फॉसिल्स (जीवाश्म) मिला है।

इसी वर्ष सितंबर में वन विभाग की टीम ने यहां का दौरा किया था। प्रभागीय वनाधिकारी कोको रोसे ने कह की सितम्बर के समय मे टिहरी दौरे पर आए कुमाऊं विश्वविद्यालय में तैनात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के भू-विज्ञानी प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया से इस संबंध में चर्चा कर स्ट्रोमैटोलाइट की जांच का आग्रह किया था प्रो. कोटलिया ने संभवना जताई कि इस स्ट्रोमैटोलाइट की उम्र लगभग 50 करोड़ साल हो सकती है।

इस तरह के जीवाश्म करोड़ों साल पहले सरीसृप वर्ग के जीव रहे होंगे। इसलिए इसमें मौजूद तत्वों की जांच की जा रही है। स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्म में बारे में भू-विज्ञानी प्रो.बहादुर सिंह कोटलिया ने बताया कि अरबों साल पहले धरती पर कुछ सरीसृप या अन्य जीव मौजूद थे, मरने के बाद भी जिनके जीवाश्म सुरक्षित हैं। यह जरूर हुआ कि समय के साथ इन जीवाश्मों पर मिट्टी की परत जमती चली गई। इस लंबे अंतराल में प्राकृतिक रूप से आने वाले बदलावों को झेलते हुए ये जीवाश्म चट्टान में बदल गए।

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. राजेश वर्मा बताते हैं कि स्ट्रोमैटोलाइट असल में 90 से सौ करोड़ साल पुरानी काई यानी शैवाल है। यह इस बात का संकेत है कि उस दौर में इन इलाकों में वातावरण न अधिक गर्म रहा होगा, न अधिक ठंडा ही। कम पानी, खासकर चूना पत्थर वाले इलाकों में इस तरह की काई का पाया जाना सामान्य बात है।

बाइट कोको रोसो डीएफओ टिहरी

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