प्रभु श्री राम का उत्तराखंड से अटूट नाता रहा है। प्रभु श्री राम के पिता और रघुकुल तिलक दशरथ महाराज ने संतान प्राप्ति के लिए जिस सरयू नदी के किनारे अनुष्ठान किया था, उस सरयू नदी का उदगम स्थल बागेश्वर जिले में है। लंका दहन के बाद जब अयोध्या लौटे और राजा रामचंद्र बने तब अहंकारी रावण वध को तारने के लिए देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर में पितृ यज्ञ किया था। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही। वह हल्द्वानी के निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राम देश की आत्मा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अयोध्या में आजकल रामलीला का मंचन हो रहा है ,वह देवभूमि के कलाकार कर रहे है। स्वयं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वीकार कर चुके है की देश की सर्वश्रेष्ठ रामलीला उत्तराखंड की है।
उन्होंने कहा कि राज्य को स्रवश्रेष्ठ राज्य बनने में भ्रष्टाचार रूपी रावण और नशा रूपी कुंभकर्ण को संहार करना हमारी प्राथमिकता है। युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से बचाने के लिए खेल गतिविधियों को विकसित किया जा रहा है। युवाओं के साथ_साथ खेल प्रेमियों के लिए भी खेल गतिविधियों विकसित की जाएंगी।
दुनियाभर में दिखती हैं उत्तराखंड की संस्कृति की झलक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखाई देती है। उत्तराखंडियो ने विदेशों में भी लोक संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखा हुआ है। अंत में उन्होंने प्रदेश वासियों से 22 जनवरी को रामलला के अयोध्या के विराजमान होने के सुअवसर पर अपने घरों, प्रतिष्ठानों में दीपोत्सव मनाने की आह्वान किया है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]