उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश के गुमानीवाला आबादी क्षेत्र में लगाये जा रहे कूड़ा निस्तारण प्लांट के खिलाफ जनहित याचिका में प्लांट लगाने के लिए पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी। न्यायालय अब मामले को 3 सप्ताह बाद सुनने का मन बनाया है।
वरिष्ठ अद्धिवक्ता एम.सी.पंत ने बताया कि ऋषिकेश निवासी समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि नगर के मेयर ने सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिए आनन फानन में ऋषिकेश के गुमानिवाला में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की अनुमति दे दी। जिस क्षेत्र में यह प्लांट लगाया जा रहा है वह आबादी वाला है। कूड़ा निस्तारण प्लांट में पाँच शहरों से कूड़ा निस्तारण के लिए आएगा।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की नियमावली के अनुसार यह प्लांट अवादी क्षेत्र से बाहर लगाया जाना था, लेकिन मेयर ने इसे इस रिहायशी क्षेत्र में ही लगवा दिया। ये सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि ऐसे प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर लगाए जायें। आज सुनवाई पर राज्य प्रदूषण बोर्ड ने बताया कि इसे लगाने की अनुमति उनसे नहीं ली गयी। वहीं नगर निगम ने माना कि कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने में लागभग 134 वृक्षों को काटा जाना है।
जनहित याचिका में कोर्ट से प्राथर्ना की गई है कि इसपर रोक लगाई जाय। मामले की सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने सम्बंधित पक्षकारों का पक्ष जानने के लिए जवाब पेश करने को कहा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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