दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार और आईएएस अफसर वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ अल्मोड़ा की राजस्व पुलिस ने लूट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। यह एफआईआर प्लीजेंट वैली नाम एनजीओ की धारा 156 (3) के तहत दी गई शिकायत के आधार पर सीजेएम के आदेश पर दर्ज किया गया है।
राजस्व पुलिस ने प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के संयुक्त सचिव वीके आर्य की तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 392, 447, 120 बी, 504, 506 और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। एक एफआईआर में दिल्ली के मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार और आईएएस अफसर वाईवीवीजे राजशेखर निवासी फ्लैट नंबर 707, सातवीं मंजिल, डीडीए एसआईजी फ्लैट्स, मोतियाखान दिल्ली व अन्य को नामजद किया गया है।
जिस नौकरशाह ने खोला शराब घोटाला वही – फस गया कानून के फंदे में ..
दिल्ली के जिस मुख्य सचिव ने शराब घोटाले की शिकायत की और जिस शिकायत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई मंत्री और अन्य प्रभावशाली लोग जेल गए, अब वही वरिष्ठ नौकरशाह कानून के फंदे में फंस गए हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अल्मोड़ा के आदेश पर दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके अधीनस्थ अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मुकदमा अल्मोड़ा के गोविंदपुर में राजस्व पुलिस ने दर्ज किया है। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर घोटाले से साक्ष्यों से जुड़ी फाइलों को जबरन लूटने का आरोप है।
सीजेएम कोर्ट अल्मोड़ा ने 02 मार्च 2024 को इन अधिकारियों के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन प्लीजेंट वैली फाउंडेशन की शिकायत को स्वीकार करते हुए राजस्व पुलिस को मामला दर्ज करने और आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके अधीनस्थ राजशेखर पर आरोप हैं कि उन्होंने एनजीओ प्लीजेंट वैली की ओर से संचालित स्कूल में कुछ लोगों को भेजकर घोटालों में अधिकारियों की संलिप्तता के साक्ष्यों वाली फाइलें लूट ली हैं। प्लीजेंट वैली के आरोप के मुताबिक अधिकारियों ने 14 फरवरी को दादाकड़ा गांव में संबंधित स्कूल में चार लोगों को भेजा।
इन लोगों ने एनजीओ के संयुक्त सचिव के कार्यालय कक्ष में तोड़फोड़ की और फाइलें, रिकॉर्ड, दस्तावेज और पेन ड्राइव ले गए। इनमें कथित तौर पर घोटाले से जुड़े सबूत थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने सतर्कता विभाग और अन्य जगहों पर घोटालों से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई हैं।
इसके बाद उन्हें शिकायत को वापस लेने की धमकी भी दी गई। ऐसा न करने पर एनजीओ के अधिकारियों को फंसाने का भय भी दिखाया गया। यह भी आरोप है कि अफसर अपने साथ टाइप किए गए दस्तावेज भी लाए थे, जिन पर साइन करने के लिए मजबूर करने की भी कोशिश की गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि जब उसने विरोध किया तो हमलावरों ने दराज में रखे 63 हजार रुपये भी लूट लिए।
इन धाराओं में दर्ज किया गया है केस
अल्मोड़ा के जिला अधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि अधिकारियों के खिलाफ मामला अल्मोड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर गोविंदपुर के राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 392 (डकैती), 447 (आपराधिक अतिक्रमण), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उप राज्यपाल से की थी शराब घोटाले की शिकायत
नरेश कुमार वर्ष 1987 बैच के अगमुट कैडर के आईएएस अफसर हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं। उन्होंने 2022 में विजय देव की जगह दिल्ली के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी ली थी। नरेश कुमार ने 08 जुलाई 2022 को दिल्ली शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसको लेकर एक रिपोर्ट उप राज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी।
रिपोर्ट में उजागर किया गया था कि आबकारी मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। सीबीआई ने नरेश कुमार की जांच के आधार पर केस दर्ज करते हुए छापेमारी की थी। इस क्रम में ईडी ने भी प्रकरण में शिकंजा कस लिया।
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