जनिये किस तरह बेचे जाते थे सर्टिफिकेट,36 फ़र्ज़ी डॉक्टर प्रैक्टिस पर
उत्तराखंड में बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में दो डॉक्टर समेत कॉलेज का संचालक को गिरफ्तार किया गया है। डिग्री आठ लाख रुपये में बेची जा रही थी।बुधवार को एसटीएफ ने दून में प्रेक्टिस कर रहे दो डॉक्टर समेत कॉलेज का संचालक दबोचा।
आरोपी कर्नाटक की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री दे रहा था। बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर का संचालक इमरान और इखलाख। इमरान भी दबोचे गए हैं।अब तक मिली जानकारी के अनुसार 36 लोगों के फर्जी डिग्री से उत्तराखंड में प्रेक्टिस की पुष्टि हुई। ब्लैंक डिग्री और मुहर बरामद हुई। फर्जी डिग्री से दून के प्रेमनगर और रायपुर में प्रेक्टिस करने वाले डाक्टर दबोचे गए हैं।
देशभर में आयुर्वेद चिकित्सा से संबंधित फर्जी बीएएमएस की डिग्री तैयार कर गिरोह चलाने वाले मास्टरमाइंड सहित तीन लोगों को उत्तराखंड STF में गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से संचालित होने वाले संचालित होने वाले बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान को सैकड़ों फर्जी डिग्री सहित गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया गैंग का सरगना 10वीं पास है. इतना ही नहीं एसटीएफ ने इसमें दो ऐसे फर्जी डिग्री वाले चिकित्सक को भी गिरफ्तार किया है.आरोपी देहरादून के रायपुर और प्रेमनगर में क्लीनिक चला रहे थे. मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज ऑफ कॉलेज से फर्जी डिग्री तैयार करने वाले चेयरमैन का भाई इकलाख फरार चल रहा है, जिसकी तलाश जारी है.
एसटीएफ के मुताबिक फर्जी डिग्री तैयार करने वाला मुजफ्फरनगर बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का चेयरमैन इमरान मुजफ्फरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है. मुख्य अभियुक्त इमरान के कब्जे से कई राज्यों की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, फर्जी मुहर और फर्जी पेपर सहित कई कूटरचित दस्तावेज बरामद हुए हैं.मुख्य सरगना इमरान से बरामद सामान: मुख्य सरगना इमरान से 102 ब्लैंक डिग्री, एक जारी डिग्री, 48 अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के लिफाफे, 208 लेटर पैड अलग-अलग यूनिवर्सिटी की 8 मुहर, तीन डॉक्टरों के अनुसार प्रमाण पत्र, बीएएमएस की एक जारी फर्जी डिग्री बरामद की गई है. STF की प्रारंभिक जांच में इस बात का पता चला है कि गिरोह द्वारा लगभग 200 से 250 बीएएमएस डॉक्टरों फर्जी डिग्री तैयार कर लाखों की वसूली की गई है.
इनमें से 36 फर्जी डिग्रियों की पुष्टि हो चुकी है.इतना ही नहीं फर्जी डिग्रियों से डॉक्टर बने लोगों ने भारतीय चिकित्सा परिषद में भी पंजीकरण कराया है. ऐसे में मिली भगत आशंका के चलते जांच का दायरा भारतीय चिकित्सक परिषद की तरफ भी बढ़ रहा है. वहीं, अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि भारतीय चिकित्सा परिषद में फर्जी डिग्री पंजीकरण के आधार पर उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में BAMS के कई फर्जी डॉक्टर निजी अस्पताल के नाम पर क्लीनिक चला रहे हैं.
ऐसे में इन सब की जांच पड़ताल की जारी हैं.SSP एसटीएस आयुष अग्रवाल के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर संचालित इस गिरोह की शुरुवाती जांच में कई आयुर्वेदिक डॉक्टरों की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया है. ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई है. इनमें से ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक की पाई गई है, जो अभी तक की जांच में पूर्णता फर्जी पाई गई है. इन सभी फर्जी डिग्री को मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के मालिक इमरान और इकलाख द्वारा तैयार कराया गया है.फर्जी डिग्री तैयार कर करोड़ों का साम्राज्य बनाया:एसटीएफ की जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान और इकलाख ने देशभर में ऐसी कई बीएएमएस की फर्जी डिग्री तैयार कर करोड़ों का साम्राज्य बनाया है. 108 बीघा में ऐसा संस्थान तैयार किया है, जहां एक फर्जी डॉक्टर से जाली डिग्री के लिए 8 से 12 लाख रुपए लिए जाते हैं.STF के मुताबिक फर्जी डॉक्टर की डिग्री तैयार करने वाले मुख्य अभियुक्त इमरान की गिरफ्तारी देहरादून में हुई।
इसकी गिरफ्तारी आयुर्वेद के फर्जी चिकित्सक प्रीतम सिंह और मनीष अली से पूछताछ और जानकारी के आधार पर हुई. जांच में पता चला कि दोनों ही फर्जी डिग्री के चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड में स्थित भारतीय चिकित्सा परिषद में हुआ है. जिसके आधार पर वह प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस कर रहे थे. दोनों ने पूछताछ बताया कि उन्होंने अपनी फर्जी डिग्री के लिए मुजफ्फरनगर के बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज को लाखों रुपए दिए हैं.
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]