उत्तराखंड : निर्वाचन आयोग का बड़ा कदम, 11 राजनीतिक दलों को किया डीलिस्ट

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देहरादून : भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में सक्रियता न दिखाने वाले 11 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को डीलिस्ट कर दिया है। यह कदम उन दलों के खिलाफ उठाया गया है जो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से किसी भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले पाए। आयोग ने इसे 2027 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया एक अहम कदम बताया है।

निष्क्रियता के चलते हुई डीलिस्टिंग

चुनाव आयोग के अनुसार, कई राजनीतिक दल केवल चुनावों के समय सक्रिय होते हैं और एक बार चुनाव लड़ने के बाद उनकी गतिविधियां ठप पड़ जाती हैं। ऐसे दल आयोग के नियमों का पालन नहीं करते और रिपोर्ट जमा करने जैसी प्रक्रियाओं से भी दूर रहते हैं। इसी निष्क्रियता के चलते आयोग ने यह कार्रवाई की है।

इन 11 दलों को किया गया डीलिस्ट (19 सितंबर 2025 को)

  1. भारतीय कौमी दल पार्टी
  2. भारत परिवर्तन पार्टी
  3. भारतीय मूल निवासी समाज
  4. भारतीय अंत्योदय पार्टी
  5. राष्ट्रीय जन सहायता
  6. उत्तराखंड जनशक्ति पार्टी
  7. उत्तराखंड प्रजातंत्र पार्टी
  8. उत्तराखंड भारतीय ग्राम नगर विकास पार्टी
  9. भारतीय सम्राट सुभाष सी
  10. गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट
  11. पीपुल्स पार्टी

इन दलों को मिला 30 दिन का समय

चुनाव आयोग ने डीलिस्ट किए गए दलों को 30 दिनों की अवधि में अंतिम अपील करने का मौका भी दिया है। यदि निर्धारित समयसीमा में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया, तो डीलिस्टिंग की प्रक्रिया अंतिम मानी जाएगी।

दो दलों को नोटिस, जवाब देने की अंतिम तारीख 13 अक्टूबर

इसके अतिरिक्त, आयोग ने भारतीय सर्वोदय पार्टी और उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी को नोटिस जारी किया है। इन दलों ने पिछले छह वर्षों में किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है और वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट तथा खर्च विवरण भी आयोग को नहीं सौंपा है। इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 13 अक्टूबर 2025 तक का समय दिया गया है।

क्या होते हैं रजिस्टर्ड दलों के फायदे?

राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग में पंजीकरण से कई लाभ मिलते हैं:

  • आयकर में छूट (आयकर अधिनियम की धारा 13 के तहत)
  • चुनाव चिह्न का आवंटन
  • प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की अनुमति
  • प्रतीक आदेश के तहत मान्यता प्राप्त दलों को आरक्षित प्रतीक

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

गौरतलब है कि इससे पहले 9 अगस्त 2025 को भी आयोग ने 6 दलों को डीलिस्ट किया था, जिनके नाम निम्नलिखित हैं:

  1. भारतीय जन क्रांति पार्टी
  2. हमारी जान मंच पार्टी
  3. मैदानी क्रांति दल
  4. प्रजामंडल पार्टी
  5. राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी
  6. राष्ट्रीय जन सहायता
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