उत्तराखंड : अब भर्ती घोटालों में ईडी कसेगा शिकंजा..

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देहरादून : भर्ती घोटालो के आरोपियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिकंजा कसने जा रहा है। इन भर्ती घपलों में बड़े पैमाने पर रुपयों का लेन-देन हुआ। ईडी इसे मनी लॉड्रिंग मान रहा है। उसने भर्ती घपले से जुड़े मुकदमों की प्रतियां पुलिस से ले ली हैं। अब तक उत्तराखंड में विभिन्न भर्ती घपलों को लेकर सात मुकदमे दर्ज हैं।एक अन्य मुकदमा भर्ती घपले के आरोपियों पर गैंगस्टर का हुआ है, इसकी जानकारी ईडी ने पुलिस से ली है। अभी संयुक्त स्नातक स्तरीय, सचिवालय रक्षक, वन दरोगा और वीपीडीओ भर्ती घपले की जांच एसटीएफ के पास है। इनमें अधिकांश में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।

2018 के कनिष्ठ सहायक भर्ती घपले में टॉपर रही युवती अंजू और तत्कालीन एकाउंटेंट सुरेश घिल्डियाल के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस चार्जशीट फाइल चुकी है। 2015 के दरोगा भर्ती घपले की जांच विजिलेंस कुमाऊं सेक्टर कर रही है। इसमें चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। हालांकि 20 दरोगा निलंबित किए जा चुके हैं।

लोक सेवा आयोग के पटवारी लेखपाल परीक्षा पेपर लीक मामले में भी ईडी जांच करने जा रहा है। इसमें 12 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही पुलिस पेपर बेचने वालों से रकम भी बरामद कर रही है।

फर्जी डॉक्टरों की रिपोर्ट भी ईडी को भेजी:

बीएएमएस की फर्जी डिग्री के जरिये भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पंजीकरण कर प्रेक्टिस करने वालों के खिलाफ भी देहरादून पुलिस ने ईडी को रिपोर्ट भेजी है। एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने इसकी पुष्टि की है। इन डॉक्टरों से आठ-आठ लाख रुपये लेकर डिग्री बेचने वाले मुजफ्फरनगर के एक कॉलेज के संचालकों ने करोड़ों की संपत्ति जुटाई। संभावना है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा दूसरे राज्यों में भी हुआ होगा।

चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार

जिन भर्ती घपलों में अभी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है, उनमें ईडी को अभी चार्जशीट का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक ईडी को जांच के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है, या फिर चार्जशीट फाइल होने की स्थिति में वह आरोपियों के खिलाफ सीधे जांच शुरू कर शिकंजा कस सकता है।

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