कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ की मौत हो गई। कालागढ़ के डीएफओ नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रथमदृष्टया बाघ की मौत दो बाघों के आपसी संघर्ष का परिणाम महसूस हो रही है। बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं।
केटीआर के डीएफओ नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि गश्ती दल को सोना नदी (मोरघट्टी) रेंज की कालू शहीद पश्चिमी बीट में एक बाघ जमीन पर लेटा नजर आया। काफी देर तक उसकी निगरानी की गई। जब बाघ की कोई हलचल नहीं हुई तो गश्ती दल ने नजदीक जाकर देखा तो वह मरा हुआ था। उनकी ओर से आला अधिकारियों को सूचना दी गई। कार्बेट और कोटद्वार से पशु चिकित्सक बुलाकर बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर बिसरा सुरक्षित रखवा लिया गया है। बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं। बाघ के शरीर पर दूसरे बाघ के साथ हुए संघर्ष के निशान मिले हैं। प्रथम दृष्टया मौत की वजह आपसी संघर्ष प्रतीत हो रहा है। मृत बाघ नर है, जिसकी उम्र करीब छह से सात साल है।
बाघ के शव का पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों के दल ने किया। दल में कार्बेट टाइगर रिजर्व के चिकित्सक डॉ. दुष्यंत कुमार शर्मा, कोटद्वार के पशु चिकित्साधिकारियों को डॉ. बीपी गुप्ता एंव डॉ. राजेश कुमार शामिल रहे। शव के बिसरे को जांच के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं आईवीआरआई बरेली भेजा जा रहा है। शव को पोस्टमार्टम के बाद जला दिया गया। बाघ का शव कुछ दिन पुराना प्रतीत हो रहा है।
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