राजस्व प्राप्ति को लेकर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के बड़े महकमे राजस्व इकट्ठा करने में फेल साबित हुए हैं. खनन विभाग , ऊर्जा , फॉरेस्ट समेत बड़े विभाग अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी विभागों को राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं लेकिन कुछ ऐसे विभाग भी हैं जो अपेक्षाकृत राजस्व प्राप्ति नहीं कर पाए हैं, उनको लक्ष्य दिया गया है.
इकट्ठा करने को लेकर अगर आंकड़ों की अगर बात करें एसजीएसटी, नॉन जीएसटी, स्टांप रजिस्ट्रेशन, आबकारी और परिवहन विभाग ने काफी हद तक काम किया है. ये विभाग अपने लक्ष्य के करीब हैं. लेकिन खनन विभाग इस मामले में काफी पीछे रह गया है. खनन विभाग को 825 करोड़ राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन विभाग अब तक सिर्फ 379 ही राजस्व प्राप्ति कर पाया है. जो 50 फीसद से भी कम है.
ऊर्जा विभाग और वन विभाग का हाल
दूसरी तरफ अगर ऊर्जा विभाग (विद्युत उपकर) की बात की जाए तो इस विभाभ को 550 करोड़ का राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन ये सिर्फ 62 करोड़ रुपये में ही सिमट गया है. ऊर्जा विभाग के लिए (नॉन टैक्स) का भी 550 करोड के राजस्व लक्ष्य था, लेकिन यहां पर भी विभाग फिसड्डी रहा और विभाग को 203 करोड पर ही राजस्व की प्राप्ति हुई. वन विभाग का 601 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन वन विभाग को भी 316 करोड़ पर ही संतुष्टि करनी पड़ी है.
इस मामले पर वित्त सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि कई बार संबंधित पॉलिसी को लेकर दिक्कतें होती हैं और कई बार कोर्ट केस की वजह से भी राजस्व का फर्क पड़ता है. वित्तीय वर्ष 2022- 23 में कोर्ट केस और एनजीटी द्वारा आपत्तियों के चलते भी राजस्व प्राप्त होने के मामले में नुकसान हुआ.
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