उत्तराखंड ( बड़ी ख़बर ) : यतीम बच्चों के लिए शासन से बड़ा आदेश जारी .. मिलेगा राजकीय सेवाओं में आरक्षण..

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उत्तराखंड : राज्यपाल, “भारत का संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक सपठित अनुच्छेद 162 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उत्तराखण्ड राज्य में संचालित स्वैच्छिक / राजकीय गृहों में निवासरत अनाथ बच्चों को राजकीय / अशासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण नियमावली, 2019 (समय-समय पर यथा संशोधित) को अधिक्रमित कर उत्तराखण्ड राज्य के स्थायी निवासी, ऐसे प्रभावित बच्चों (जिनके जैविक / दत्तक पिता-माता दोनों की मृत्यु बच्चे के जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो) तथा राज्य में संचालित स्वैच्छिक / राजकीय गृहों में निवासरत अनाथ बच्चों को राजकीय / अशासकीय सेवाओं में सेवायोजित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं।

उत्तराखण्ड राज्य के स्थायी निवासी, ऐसे प्रभावित बच्चों (जिनके जैविक / दत्तक पिता-माता दोनों की मृत्यु बच्चे के जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो) तथा राज्य में संचालित स्वैच्छिक / राजकीय गृहों में निवासरत अनाथ बच्चों को राजकीय / अशासकीय सेवाओं मे
“अनाथ बच्चों से उत्तराखण्ड राज्य में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित व पंजीकृत स्वैच्छिक / राजकीय गृहों में निवासरत अनाथ बच्चों अभिप्रेत हैं, जिनके माता-पिता एवं माता-पिता पक्ष के किसी भी रिश्तेदारों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है;
प्रभावित बच्चों / अनाथ बच्चों को जिनकी
पुष्टि अपेक्षित अभिलेखों से सक्षम प्राधिकारी द्वारा समुचित रूप से करते हुये सम्बन्धित जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी की संस्तुति पर उप जिलाधिकारी से अन्यून अधिकारी द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र जारी किया गया

हो, उत्तराखण्ड लोक सेवाओं में सेवायोजन हेतु 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जायेगा।
इस नियमावली के प्रख्यापन के पश्चात् प्रभावित बच्चों / अनाथ बच्चों का रजिस्ट्रीकरण सम्बन्धित जिले के जिला प्रोबेशन अधिकारी की संस्तुति पर समुचित अभिलेखों के परीक्षण के उपरान्त सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी कार्यालय में कराना आवश्यक होगा।

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