मुस्लिमों को रिझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में खास तैयारी कर रही है. यूपी बीजेपी इकाई के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मदरसों और दरगाहों सहित राज्य में मुस्लिम समुदाय से जुड़े 100 से अधिक स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100वें मन की बात का व्यापक प्रसारण आयोजित करने की योजना बनाई है. अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने शनिवार (8 अप्रैल) को इस बारे में जानकारी दी. मन की बात का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को प्रसारित होगा.
2024 के आम चुनावों में मिशन 400 की लड़ाई में केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुस्लिमों को रिझाने के लिए लंबी लकीर खींचने की कोशिश की है। 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने एक साल चलने वाला ”सूफी संवाद” अभियान की शुरुआत बुधवार को की। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना में मुस्लिम बहुल जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
150 लोगों की बनाई टीम
इस अभियान को सफल बनाने के लिए भाजपा ने देश भर के मुसलमानों तक 150 गैर-राजनीतिक लोगों की एक टीम के साथ पहुंचने की योजना बनाई है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इन लोगों को अलग-अलग टीमों में बांटकर अल्पसंख्यकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए भेजा जाएगा।
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने कहा कि अभियान के लिए सूफीवाद से जुड़े 150 लोगों का दल बनाया गया है। इस अभियान का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक बड़ी सभा को संबोधित करने के साथ होगा।
कुंवर बासित अली ने द हिंदू को बताया कि हम 100वें मन की बात को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बनाने की योजना बना रहे हैं. हम 50-60 मदरसों, 30-35 दरगाहों और मजलिस सहित मुस्लिम समुदाय से संबंधित 100 स्थानों को आयोजन की योजना बना रहे हैं. जहां समुदाय के लोग इकट्ठा होकर पीएम की बात सुन सकते हैं. अली ने कहा कि मन की बात का उर्दू संस्करण- मूल रूप से जनवरी और दिसंबर 2022 के बीच प्रसारित पीएम के 12 मासिक प्रसारणों का संकलन- मौलानाओं और धार्मिक विद्वानों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण सभी तक पहुंचे. 100वीं कड़ी से पहले, मन की बात का उर्दू अनुवाद और एक पुस्तिका लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम में औपचारिक रूप से लॉन्च की जाएगी और 30 अप्रैल को इन 100 स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के बीच वितरित की जाएगी. अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठकों के माध्यम से बीजेपी लगातार मुस्लिम आबादी के एक वर्ग तक पहुंच रही है, जो ज्यादातर पसमांदा मुसलमानों पर केंद्रित है, जो दलित और अन्य पिछड़े वर्ग समुदायों से ताल्लुख रखते हैं.
कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए मनोनीत किया है. बता दें कि, मुस्लिम राज्य के मतदाताओं का लगभग 19% हिस्सा हैं और कम से कम 30 लोकसभा सीटों पर उनकी अच्छी उपस्थिति है. जिनमें से वे 15 से 20 निर्वाचन क्षेत्रों में परिणाम तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
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