उन्नाव: उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद.खेत में बंधी मिली तीन दलित नाबालिक लड़कियां.दो की मौत एक की हालत गंभीर..परिवार को किया गया नज़रबंद..

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उन्नाव उत्तर-प्रदेश 18.FEBRUARY 2021 GKM NEWS SHABAB SHEHZAD KHAN उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे जिले उन्नाव में महिलाओं पर अत्याचार के मामले थम नहीं रहे हैं। अब खबर आ रही है कि दलित समाज की तीन बच्चियों को खेत के पास जंगल में बांधा गया था, जिसमें दो बच्चियां मृत पाई गई हैं और एक की हालत नाजुक बनी हुई है।उत्तर प्रदेश में अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे है..प्रदेश के उन्नाव ज़िले में बुधवार को एक घटना फिर एक चर्चा का विषय बन गया है.

इस घटना ने लोगो को शर्मसार कर दिया है.बुधवार रात उन्नाव ज़िले के असोहा थाना के बबुरहा गांव में खेत में तीन दलित नाबालिक युवतिया दुपट्टे से बंधी हुई मिली.जिनको देखकर लोगो के हौश फाख्ता हो गए और गांव में सनसनी फ़ैल गई. जिनमे से दो की मौत हो चुकी थी. एक को करीब के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिसकी हालत गंभीर है. खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि पुलिस ने घटनास्थल का मुआइना कर के जगह को अपने कब्ज़े में कर लिया है. उधर खबर यह भी आ रही है कि पीड़ित परिवार

कल इस घटना की खबर मिलते ही योगी सरकार के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखने को मिला, आज सुबह से ही #Save_Unnao_Ki_Beti यानी उन्नाव की बेटी बचाओ नंबर वन ट्रेंड हो रहा है।

हजारों लोग इस मामले पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और योगी सरकार की नीयत पर संदेह कर रहे हैं। लोगों को आशंका है कि योगी की पुलिस पीड़ित परिवार के साथ हाथरस जैसा व्यवहार कर सकती है। पुलिस जाँच पड़ताल में जूट गयी है और पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी की योगी सरकार पर हमला कर रहा है. आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद ने इस घटना को लेकर ट्वीट, किया है उन्होंने लिखा – कब तक चुप रहोगे?, आज उन्नाव है, कल तुम्हारा जिला होगा..सूत्रों के मुताबिक यह भी बताया जा रहा है कि मीडिया से मिलने पर रोक लगा रखी है इसके साथ ही गांव में पुलिस ने की बैरिकेडिंग, भारी पुलिसबल मौजूद, उधर परिजनों को नज़रबंद किये जाने के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं.

गौरतलब है कि हाथरस में बलात्कृत पाई गई बच्ची की मृत्यु के बाद उसे परिवार वालों को नहीं सौंपा गया बल्कि पुलिस वालों ने जबरन आधी रात को शव जला दिया था।

पीड़ित परिवार पर सख्ती की आशंका को और भी ज्यादा प्रबल करते हुए अमर उजाला के पत्रकार सूरज शुक्ला एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखते हैं -पीड़ित परिवारों को किया गया नजरबंद, मीडिया से मिलने पर रोक, गांव में पुलिस ने बैरिकेडिंग की- भारी संख्या में पुलिस बल तैनात…

इस तरह की घेराबंदी करके यूपी पुलिस संभवत यह कोशिश कर रही होगी कि उन्नाव का यह मामला हाथरस की तरह हाईलाइट ना हो।

मगर सवाल उठता है कि पुलिस प्रशासन कि ये सख्ती तब कहां चली जाती है जब अपराध रोकने की बारी आती है।

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