पहाड़ों में शीतजल मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए केंद्रीय सचिव ने काश्तकारों के साथ बैठक की,स्वरोजगार का अच्छा मौका…

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उत्तराखण्ड में भीमताल स्थित केंद्रीय शीतजल मत्स्य अनुसंधान केंद्र में भारत सरकार के फिशरीज विभाग के सचिव डॉ.अभिलक्ष्य लेखी ने किसानों से वार्ता की। उन्होंने, ठंडे पानी में रहने वाली मछलियों के साथ आर्नामेंटल फिशरीज की यूनिट देखी। उन्होंने रेनबो ट्रॉउड का एग्रीकल्चर सिस्टम भी देखा।

सचिव डॉ.अभिलक्ष्य ने कहा कि अन्य राज्यों को भी इससे जोड़ा जा रहा है, तांकि कोल्ड वॉटर फिशरीज रेनबो ट्रॉउड पर काम किया जा सके।कहा कि, मत्स्य पालन में संस्थान जो काम कर रहा है उसमें मछलियों के बीज देकर काश्तकारों को अच्छी तरह से इसकी जानकारी देनी चाहिए। इसे रोजगार से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत का मत्स्य पालन से जुड़ा प्रोडक्शन 184 लाख टन का है। संस्था के साथ और अधिक काश्तकारों को जोड़ने की आवश्यकता है।


बता दें कि काश्तकारों को शीतजल मत्स्य पालन की जानकारी देने के लिए भीमताल के इस विभाग में बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में काश्तकार पहुंचे जिन्हें मत्स्य पालन से जुड़े वैज्ञानिकों ने कोल्ड वाटर फिशरीज की विस्तार से जानकारियां दी।


सचिव ने कहा कि शीतजल मत्स्य की पैदावार बढ़ाने की जरूरत है। विभाग से संतुष्ट होते हुए उन्होंने कहा कि संस्था रिसर्च और डेवलपमेंट में अच्छा काम कर रही है।

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