इस दीपावली उत्तराखंड की ऐपण संस्कृति संभाले ‘दीप दिए’ करेंगे आपके घरों को रोशन, प्लास्टिक नहीं मिट्टी के दिए लगाएं…

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उत्तराखंड के नैनीताल में दीवाली के दिए को ऐपन और रंगोली से सजाकर बेचने के लिए कुछ स्वयं सहायता समूहों ने दिए बनाए हैं। महिलाओं ने ‘चेली ब्वारी’ और ‘सास ब्वारी’ नामक दो महिला समूह बनाकर दीवाली के दिए बनाए जिसकी मांग पूरे उत्तराखंड से आ रही है।


नैनीताल के अयारपाटा क्षेत्र में कुछ महिलाओं ने दिवाली का त्यौहार मनाने वालों के लिए दीवाली में इस्तेमाल होने वाले दिए बनाए हैं। महिलाओं के इन दियों से सजाने के अलावा घरों में उजाला भी होगा, साथ ही इससे पहाड़ की संस्कृति को भी बड़ी पहचान मिलेगी। इन दियों पर उत्तराखंड की अलग अलग ऐपण कला का प्रयोग किया जा रहा है। इससे जुड़ी अर्पिता कुंवर कहती हैं की समूह में हर उम्र की महिलाएं जुड़ी हैं। ‘बेटी’ को कुमाऊंनी भाषा में ‘चेली’ और ‘बहू’ को ‘ब्वारी’ कहा जाता है।

यह सभी महिलाएं पहाड़ की कला को संरक्षित कर आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं। बताया कि इन दोनों समूह से लगभग 14 महिलाएं जुड़ी हैं जो ऐपण वाले दिए बनाती है और इससे महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। समूह से जुड़ी नेहा ने बताया कि दिवाली के दिये सजाए जा रहे हैं और उन्हें हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल के तल्लीताल बाजार समेत कुछ अन्य जगहों से आर्डर आ रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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