चारधाम यात्रा में अब तक 23 श्रद्धालुओं की हुई मौत,धामी सरकार ने उठाए ये कड़े कदम..
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चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौतों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इसको लेकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य निदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बयान जारी कर कहा कि 3 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में अब तक 23 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. जिसमें मौतो का कारण या तो हाई ब्लड प्रेशर है या फिर कार्डियक अरेस्ट है।
3 मई से चार धाम यात्रा की शुरुआत हुई थी. यात्रा के शुरू होने से लेकर अब तक यानी 10 दिनों के भीतर 23 तीर्थयात्रियों की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है. वहीं श्रद्धालुओं की मौत मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भी संज्ञान लिया गया है. दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय ने चारधाम में मंगलवार देर शाम तक हुई मौतों के बारे में विवरण तलब किया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी अपना जवाब मंगलवार देर शाम प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया. इसमें मौत के कारणों के साथ ही यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में सरकार की ओर से की गई व्यवस्था का ब्योरा शामिल है. यह भी बताया गया कि चारधाम आने वाले यात्रियों के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दी गई है.
चार धाम यात्रा को सुचारू चलाने के लिए सरकार हुई गंभीर
वहीं चारधाम यात्रा में हो रही मौतों को लेकर उत्तारखंड सरकार विपक्ष के निशाने पर है जिसे देखते हुए अब प्रदेश सरकार चार धाम यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से चलाने के लिए काफी गंभीर नजर आ रही है. सीएम पुष्कर धामी ने चार धाम यात्रा को दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं. इसके साथ ही कई और निर्देश भी दिए गए हैं.
यात्रा मार्ग पर बनाए गए स्थाई और अस्थाई चिकित्सालय
बता दें कि डॉ शैलजा भट्ट ने बयान जारी कर बताया है कि केदारनाथ धाम में 8 स्थाई चिकित्सालय और 14 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बना दिए गए हैं. इसके अलावा गंगोत्री मार्ग पर भी अब 10 स्थाई चिकित्सालय और 3 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं. वहीं बद्रीनाथ मार्ग पर भी 19 परमानेंट अस्पताल और 2 अस्थाई मेडिकल रिलीफ कैंप लगाए गए हैं. वहीं यमुनोत्री मार्ग पर भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है जिसके तहत 11 स्थाई चिकित्सालय बनाए गए हैं और 2 अस्थाई मेडिकल रिलीफ कैंप लगाए गए हैं. वहीं यमुनोत्री मार्ग पर भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है जिसके तहत 11 स्थाई चिकित्सालय बनाए गए हैं और 4 अस्थाई मेडिकल रिलीफ कैंप बनाए गए हैं. इनके अलावा यमुनोत्री मार्ग पर 8 फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर यूनिट भी मुहैया कराई गई है. साथ ही 132 डॉक्टरों को विभिन्न अस्पतालों में 24 घंटे उपलब्ध रहने के भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
यात्रा के दौरान इमरजेंसी होने पर ब्लड की नहीं होगी कमी
वहीं महानिदेशक के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान इमरजेंसी होने पर बल्ड की जरूर को देखते हे यात्रा मार्ग पर 8 ब्लड बैंक और 4 ब्लड स्टोरेड यूनिट भी संचालित की जा रही हैं. वहीं किसी भी तरह की हेल्थ इंफॉर्मेशन के लिए 104 हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है. वहीं इमरजेंसी सेवा के ले 108 और एम्बुलेंस के लिए 102 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
70 फीसदी यात्री मेडिकली अनफिट
डॉक्टरों की मानें तो धामों में पहुंचने वाले करीब 70 फीसदी यात्री मेडिकली अनफिट हैं. जिनमें अधिकतर दमा, हाइपर टेंशन,शुगर के मरीज हैं जिससे यात्रियों की मौत भी हो रही है. यमनोत्री धाम सड़क से 5 किलोमीटर की पैदल दूरी पर है जहां चढ़ाई है. वैसे तो डंडी कंडी, खच्चर की सुविधाएं भी हैं लेकिन ज्यादतर श्रद्धालु पैदल ही जाना पसंद करते हैं. जिससे बीमार श्रद्धालुओं को दिक्कतें होती है.
तीर्थयात्रियों की मौत को लेकर बुधवार को पीएमओ कार्यालय ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि है चारधाम यात्रा में तीर्थयात्री, स्वास्थ्य परीक्षण करा के ही आयें साथ ही हृदय रोग वाले तीर्थयात्री पूरी सावधानी के साथ यात्रा करें.
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