दून में हुई ज़्यादती के ख़िलाफ़ – हल्द्वानी में युवाओं ने भरी हुंकार..

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हल्द्वानी : प्रदेश की राजधानी में शिक्षित युवाओं के खिलाफ पुलिस की ज्यादती और जबरन कार्यवाही के ख़िलाफ़ हल्द्वानी में भी युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है आपको बताते चलें बीती रात देहरादून में जेई, लोक सेवा आयोग (uksssc) समेत कई भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को कल पुलिस ने जबरन उठा लिया था, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं युवा राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गए हैं हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में भी भारी संख्या में भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सभी भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच कराने की मांग की इस दौरान युवाओं ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा की, मुख्यमंत्री जी शक्ल से स्मार्टनेस नहीं बल्कि काम मे स्मार्टनेस दिखाइए ।

युवाओं का कहना है कि राज्य के अंदर अब किसी भी परीक्षा में कोई विश्वास नहीं रह गया, क्योंकि हर परीक्षा दूसरे दिन लीक हो जा रही है, युवाओं का भरोसा सरकार से उठ गया है। भर्ती घोटाले में शामिल असली लोग अभी भी सलाखों के बाहर हैं। जिन्हें पुलिस नहीं पकड़ रही सरकार केवल बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को जबरन बलपूर्वक खत्म करने का काम कर रही है। युवाओं का कहना है कि वह भर्ती परीक्षाओं की तैयारियां काफी समय से कर रहे हैं, लेकिन जब वह पेपर देते हैं तो उनको दूसरे दिन यह सूचना मिलती है कि उनका पेपर लीक हो गया है। ऐसे में वह हताश और निराश हैं और उनके सामने कोई उम्मीद नहीं बची है युवाओं ने कहा कि यदि सरकार ने इस पूरे घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की, तो वह लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इधर मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को युवाओं द्वारा ज्ञापन सौंप सीबीआई द्वारा जांच की मांग उठाई है।


देहरादून गांधी पार्क में चल रहे विभिन्न भर्ती परीक्षाओ की तैयारी कर रहे युवाओ के धरने को जबरन पुलिस कार्यवाही द्वारा जबरन दबाने के प्रयास पर आक्रोशित सभी युवाओं ने उत्तराखंड युवा एकता मंच के आवाहन पर बुद्ध पार्क में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया।


इस दौरान वक्ताओं ने 1 सूत्रीय मांग रखी कि उत्तराखंड में सभी भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच हो व कोई भी परीक्षा बिन सीबीआई जांच के आयोजित न हो।
इस दौरान कई आक्रोशित युवा मंच पर रो भी पढ़े और बार-बार पेपर कैंसिल और आयोग द्वारा कराए जा रहे मॉक परीक्षाओं से स्वयं को प्रताड़ित होने की बात भी कही ।


इस दौरान हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश भी युवाओं को समर्थन देने पहुंचे, जहां युवाओं ने हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा ।
इस दौरान उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी द्वारा विधायक सुमित हृदेश से स्पष्ट मांग की कि इतने बड़े भर्ती घोटाले पर विपक्ष व नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम नेताओं का हल्द्वानी में मौन युवाओं को खल रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता का धर्म है कि युवाओं के मुद्दों को सड़क से सदन उठाये ना की बुद्ध पार्क में बैठकर मौन धारण करना है ।


इस पर सुमित हृदेश ने युवाओं को आश्वस्त किया कि पूरा विपक्ष वह विपक्ष के सभी विधायक युवाओं के इस मुद्दे में उनके पीछे उनके साथ पूर्ण रूप से खड़े हैं।
युवाओं को जहां भी आवश्यकता पड़े वह एक फोन पर उपलब्ध है ।


वही इस दौरान पक्ष-विपक्ष दोनों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर भाजपा व कांग्रेस सहित तमाम पार्टी मुर्दाबाद के नारे भी लगे ।युवाओं ने स्पष्ट मांग है की जो भी भ्रष्टाचारी हैं उनकी सीबीआई जांच कर अभियुक्तों को जेल भेजा जाए व बिना पूर्ण सीबीआई जांच के कोई परीक्षा आयोजित नहीं कराई जाए ।
जब तक आयोग की सीबीआई जांच नहीं होती वह भर्ती घोटालों का काला चिट्ठा सामने नहीं आता तब तक सभी परीक्षाएं रद्द की जाए ।


इस दौरान युवाओं ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को भी सौंपा मजिस्ट्रेट ने इस पर आश्वस्त किया कि वह मुख्यमंत्री जी को इस ज्ञापन को तत्काल भेजेंगे ।
बताते चलें कि बीते दिनों ही मुख्यमंत्री के कुमाऊं दौरे पर सर्किट हाउस में उत्तराखंड युवा एकता मंच के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्रियों को अपना 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था जिसमें कार्यवाही ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी अभ्यर्थियों का कहना है कि उक्त मांगे जल्द से जल्द पूर्ण की जाए अन्यथा व्यापक जन आंदोलन होगा, इसको लेकर कल पुनः बुद्ध पार्क में धरना प्रदर्शन विस्तृत चर्चा करने की बात उत्तराखंड के सभी बेरोजगारों ने कही है । बेरोजगारों ने एकमत होकर यह कहा कि बड़े बड़े आंदोलनों का गढ़ कुमाऊं रहा है।

इसलिए सीबीआई जांच की मांग व भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस लड़ाई के लिए कुमाऊं के बुद्ध पार्क से एक व्यापक जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा,जब तक सीबीआई नही आती तबतक आंदोलन जारी रहेगा।

इस दौरान उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी,राहुल पंत, विनोद भट्ट ,गौरव जसवाल बजेला,महेंद्र सिंह ,पंकज बिष्ट,पंकज सिंह ,अनिल बिष्ट,संजय भट्ट,हिमांशु रावत,अंकित जोशी,यशोदा,अनिता,दीप्ती, उमेश,कमल,चन्दन आदि दर्जनों अभ्यर्थी मौजूद रहे ।


बार-बार परीक्षा देकर स्वयं को प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं महाआक्रोश रैली ,न्याय यात्रा सहित तमाम कार्यक्रमों के बाद भी सीबीआई नहीं पहुंच पाई।
अब अंतिम विकल्प आमरण अनशन है अगर अनशन के दौरान मुझे कुछ भी हुआ तो आयोग,सरकार,पुलिस सहित तमाम एजेंसियों पर मानसिक रूप में प्रताड़ित करने का मुकदमा भी दर्ज हो।
पीयूष जोशी

अभ्यर्थियों की यह थी मांगे :

  1. राज्य गठन के बाद से अब तक उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो व धांधली/पेपर लीक प्रकरण में लिप्त सभी अधिकारियों की संपत्ति जाच हो व उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो।
  2. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में निम्न स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स लाये जाए :

१. वर्तमान के आयोग को पूर्णतः भंग कर आयोग के अध्यक्ष/सचिव/परीक्षा नियंत्रक व अन्य लोगों के इस्तीफे लेकर आयोग का पुनर्गठन किया जाए ।


२. आयोग में कार्यरत सभी अधिकारियों को केवल और केवल 2 वर्ष के समय तक आयोग के एक विभाग में रखा जाए फिर अन्यत्र ट्रांसवर किया जाए इसके लिए सुदृढ़ ट्रांसफर एक्ट व आयोग की आंतरिक नियमावली तैयार की जाए।


३. चुकी पेपर लीक गैंग सबसे सक्रिय हरिद्वार व आसपास के क्षेत्रों में है अतः लोक सेवा आयोग/अधिनस्त चयन सेवा आयोग के दफ्तर को नैनीताल हाइकोर्ट की जगह शिफ्ट किया जाए।

  1. यूकेपीसीएस असिस्टेंट प्रोफेसर में एपीआई स्कोर को हटाया जाए व अन्य राज्यो की भांति यहां भी लिखित परीक्षा व साक्षात्कार कर प्रोफेसर व अस्सिस्टेंट प्रोफेसर की भर्तियां करवाई जाए।
  2. यूकेपीएससी मुख्य परीक्षा के पेपर सार्वजनिक किए जाए ताकि अभ्यर्थियों में आयोग के प्रति विश्वास पुनः स्थापित हो सके।
  3. कल जारी संशोधित परिणाम में 3247 अभ्यर्थीयो का आवेदन आयोग द्वारा निरस्त कर दिया गया ,जिसमे मानवीय त्रुटि से कई उत्तराखंड मूल की भी कुछ महिलाएं भी मुख्य परीक्षा से वंचित रह गयी है, इसमे सुधार किया जाए।
  4. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग/ उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा आयोजित सभी भर्ती परीक्षा में सम्मिलित नकलचीयो व नकल माफियाओ के नाम सार्वजनिक किए जाएं व उन अभ्यर्थियों पर आजीवन परीक्षा का बेन लगाया जाए

7.सख्त नकल विरोधी कानून लाकर उन सभी आरोपियों को दंडित किया जाए।


8.इस बार आयोग की पूर्ण सफाई के बाद ही कोई भी परीक्षा आयोजित की जाए,इसके लिए वर्तमान में चलायमान परीक्षाओ को रद्द कर पुनः आयोजित भी करना पड़े तो भी सरकार आयोग की सफाई कर ही परिक्शायोजित करे।

  1. आगामी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में इन युवाओं को उम्र की बाउंडेशन हटाकर सम्मिलित होने दिया जाए क्योंकि 2014 के बाद भर्ती 2022 में आई है।

देर रात देहरादून में पुलिस ने धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाया

सरकारी विभागों की भर्ती परीक्षाओं में एक के बाद एक धांधलियों के विरोध को लेकर गांधी पार्क में चल रहे धरने क़ो समाप्त करवा दिया गया . इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम से जुड़े लोंगो को देर रात पुलिस फ़ोर्स ने जबरन धरना स्थल उठाने की कार्यवाही की . मौके पर पहुंची भारी पुलिस बल ने धरना देने वाले लोगों को एक-एक कर पुलिस वाहनों में बैठा कर कार्यक्रम स्थान से दूर किया.इस कार्यवाही के दौरान पुलिस और धरना देने वालों के बीच तीख़ी नोकझोक के साथ जमकर हंगामा भी हुआ था।

बता दें कि उत्तराखंड में इन दिनों कई विभागों की सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी को लेकर लगातार पुलिस की सख़्त कार्रवाई जारी है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से लेकर राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अलग-अलग भर्तियों में हुई गड़बड़ीयों के चलते अब तक दर्जनों लोग गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजें जा चुके हैं.वर्तमान समय में 2021 वीपीडीओ भर्ती से लेकर 2015 पुलिस दरोगा, सचिवालय रक्षक दल, वन दरोगा के अलावा बीते दिनों राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई पटवारी लेखपाल और JE/AE भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक जैसे आधा दर्जन मामलों में पुलिस तंत्र की अलग-अलग टीमें धरपकड़ का क्रम जारी रख कड़ी कार्यवाही में जुटी हैं.इतना ही नहीं भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कर धांधली करने वाले कई मुख्य अभियुक्तों के ऊपर गैंगस्टर एक्ट लगा उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही भी प्रचलित है.

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