उत्तराखंड में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, “लेकिन इस सर्द माहौल में सूबे का सियासी पारा हाई हो गया है सोशल मीडिया पर भीमताल से भाजपा विधायक और कथित रूप से एक कैबिनेट मंत्री के बातचीत के वायरल ऑडियो वीडियो के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस मामले में हमला बोलते हुए सरकार से सच जनता के सामने लाने की मांग की है। पार्टी ने इसे बेहद संगीन मामला बताया है”.
यहां जानकारी के लिये आपको बताते चलें जनपद नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में घोषित नरभक्षी के तीसरे शिकार के रोज मंत्री ने विधायक से वार्ता के दौरान हाईकोर्ट, याचिकाकर्ता और हिंसक वन्यजीव के लिए जमकर अपशब्द कहे। इसे न केवल वहां मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों ने सुना बल्कि उस वार्ता का वीडियो भी कैमरे में कैद हो गया। पिछले दिनों हिंसक वन्यजीव के शिकार हुए तीसरे परिवार को ढांढस बधाने पहुंचे विधायक से प्रदेश के एक मंत्री ने फोन पर वार्ता कर गाली गलौच की झड़ी लगा दी। इत्तेफाक से वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस बातचीत का वीडियो बना लिया। जो कि अब सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है।नैनीताल जिले में भीमताल के ताडा गांव में बीती 20 तारीख को 21 वर्षीय निकिता शर्मा का किसी हिंसक वन्यजीव ने शिकार कर दिया था। इससे पहले भी हिंसक वन्यजीव ने सात दिसंबर को मलुवाताल के कसाइल में इंद्रा देवी, नौ दिसंबर को पिनरों में पुष्पा देवी और फिर 20 दिसंबर को ताडा गांव में 20 वर्षीय निकिता शर्मा को अपना शिकार बनाया था।
वीडियो वायरल होने के बाद सूबे की भाजपा सरकार पर कांग्रेस जबरदस्त तरीके से हमलावर हो गई है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भीमताल विधायक जिस व्यक्ति से बात कर रहे हैं, वह उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं, लेकिन मंत्री कॉल पर होने से इनकार कर चुके हैं। ऐसे में उत्तराखंड सरकार और भाजपा संगठन को चाहिए कि वह अपने विधायक कैड़ा से पूछे कि उनके साथ फोन पर कौन व्यक्ति था, जिसे वह वन मंत्री बताकर स्थानीय जनता को भ्रमित कर रहे थे।
करन माहरा ने कहा की यदि कैड़ा की बात में सच्चाई है तो वाकई स्थिति खेदजनक है।उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को इस तरह की भाषा शैली शोभा नहीं देती है। जो वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहा है, उसमें बीजेपी के एक विधायक और मंत्री की आपसी बातचीत सुनाई दे रही है, जिसमें भाजपा विधायक वन्यजीव और मानव संघर्ष में हुए नुकसान को लेकर मंत्री से दिशा-निर्देश और मदद की दरकार कर रहे हैं। माहरा ने कहा कि बातचीत बहुत ही निंदनीय है और उसमें दूसरा व्यक्ति उच्च न्यायालय के संबंध में बहुत ही अभद्र भाषा में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।
उन्होंने कहा बातचीत के दौरान वह व्यक्ति पीआईएल करने वाले को भी पकड़ने की और मारने की बात भाजपा विधायक से कर रहा है, जो की बहुत ही निंदनीय है। माहरा ने कहा कि यदि राम सिंह कैड़ा से बात करने वाले दूसरे व्यक्ति वन मंत्री हैं, यह बात सत्यापित हो जाती है तो ऐसे में मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत हस्तक्षेप करके मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मंगवानी चाहिए। इसके अलावा उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस तरह के प्रकरणों की पुनरावृत्ति ना हो।
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