सुप्रीम फैसला: (लिव-इन) मर्ज़ी से साथ रहने के बाद ,महिला नहीं दर्ज करा सकती रेप केस ..
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सालों से लिव-इन में रहने के बाद संबंध खराब होने पर महिला द्वारा पुरुष पर दुष्कर्म का केस दर्ज करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला जो किसी पुरुष के साथ रिश्ते में थी और अपनी मर्जी से उसके साथ रह रही थी. अब वह उनके संबंध बिगड़ने के बाद पुरुष पर दुष्कर्म का मामला नहीं दर्ज करा सकती.
कोर्ट ने कहा कि कई बार देखा गया है कि महिला द्वारा आरोप लगाया जाता है कि शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए. लेकिन अदालत की नजर में इस स्थिति में पुरुष के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा नहीं बनता है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये मामला राजस्थान का है जहां एक महिला अपने पुरुष साथी के साथ चार साल से लिव-इन में साथ रह रही थी. इस संबंध से उन्हें एक बेटी भी है. लेकिन फिर दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद महिला ने पुरुष के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया. हाईकोर्ट ने पुरुष को जमानत देने से इनकार कर दिया.
पुरुष ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दो लोग अपनी मर्जी से साथ में रहते हैं और फिर उनके संबंध खराब हो जाते हैं, तो ऐसे में पुरुष के खिलाफ बलात्कार का केस नहीं बनता. सर्वोच्च अदालत ने इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पुरुष को जमानत दे दी.
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