इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है लोकसभा स्पीकर ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. लोकसभा स्पीकर ने कहा है कि इस पर चर्चा के लिए वक्त और तारीख बाद में तय किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए तारीख का ऐलान बाद में होगा. कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने स्वीकृति प्रदान की. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है. मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करके उचित समय पर इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने की तिथि के बारे में आप लोगों को अवगत करा दूंगा.’’ इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मणिपुर हिंसा मामले पर लोकसभा में बुधवार (26 जुलाई) को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। कांग्रेस मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहती है। पार्टी का कहना है कि PM नरेंद्र मोदी को इस मसले पर सदन में जवाब देना चाहिए।
बुधवार को भी मणिपुर की स्थिति पर चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी रखा. विपक्षी दलों ने लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. विपक्षी नेताओं का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव सरकार को मणिपुर पर लंबी चर्चा के लिए मजबूर करेगा और इस दौरान प्रधानमंत्री को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।
संसद के मानसून सत्र का आज पांचवा दिन है. मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को भी हंगामा हुआ. विपक्ष मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है. हालांकि, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं है. बीजेपी लगातार कह रही है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष ही भाग रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पूर्वोत्तर में हालात नाजुक हैं और मणिपुर हिंसा का असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ता दिख रहा है. यह हमारे संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों के लिए अच्छा नहीं है. अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपना अहंकार त्यागें और मणिपुर पर देश को विश्वास में लें. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए कि उनकी सरकार हालात सुधारने के लिए क्या कर रही है और मणिपुर में हालात कब सामान्य होंगे ।
मणिपुर के मुद्दे पर जहां एक तरफ विपक्ष आज मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है वहीं दोनों सदनों में आज भी मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया गया. लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर ने नोटिस दिया है. राज्यसभा में आरजेडी के मनोज झा, डीएमके के तिरुचि शिवा ने नोटिस दिया है ।
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