एरीज ने स्पेस में जमाई धाक, बनाया विश्व का एकमात्र चलता लिक्विड टैलिस्कोप,इमेजी जारी…
उत्तराखंड में नैनीताल के एरीज ने विश्व की एकमात्र चलता लिक्विड टैलिस्कोप का पहला साफ इमेजी आने से विश्व के ससिटिस्ट उत्साहित । इससे ऑब्जेक्ट के बदलाव के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है ।
नैनीताल के मनोरा पीक में बने आर्यभट्ट इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंसेज(एरीज)में आज निदेशक दीपांकर बैनर्जी ने पत्रकार वार्ता कर अपनी नई लिक्विड टैलिस्कोप के बारे में जानकारी दी । उनके साथ मौजूद अन्तिक्ष विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ कुंतल मिश्रा ने बताया कि इस इंटरनेशनल लिक्विड मिर्रर टैलिस्कोप(आई.एल.एम.टी.)को बनाने में बेल्जियम और कनाडा की मुख्य भूमिका रही हैं । इस टैलिस्कोप की प्राथमिक सफलता के पीछे पोलैंड और उज्बेकिस्तान का भी योगदान रहा है ।
इस तकनीक में दुनिया के लीडर जुड़े हैं और इसे बनाने में सभी ने साथ दिया है । कनाडा के डॉ.पॉल हिक्सन इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं । ये भारत का पहला टैलिस्कोप है जिसका डायमीटर 4 मीटर है । इससे पहले देवस्थल में 3.6 मीटर की टैलिस्कोप लगाई जा चुकी है । एरीज के निदेशक दीपांकर बैनर्जी ने बताया कि स्पेक्ट्रा स्कोपी वाला ये टैलिस्कोप पूरी रात इमेजिंग करेगा और इसके परिणामों को लेकर इसरो भी काफी काफी उत्सुक है । इसकी कुल लागत 40 से 50 करोड़ रुपये है जिसमे भारत का 4 से 5 करोड़ हुआ है । टैलिस्कोप को देवस्थल में प्लेस किया जाएगा ।
इसमें लिक्विड मिर्रर लगा है जो एक जगह में स्थायी रहकर काम करता है । इसे चार से पांच वर्ष पूर्व 2017 में लगाया गया था जिसका अब पहला रिजल्ट मिला है । इस लिक्विड मिर्रर में 50 लीटर मरकरी है जिसका भार लगभग 700 किलोग्राम है और ये चार मीटर का है । इस टेलिस्कोप से मिली पहली तस्वीर में दिख रही गैलेक्सी की धरती से दूरी लगभग 9 लाख ट्रिलियन किलोमीटर(95 हजार लाइट ईयर)है । इस इमेजी के क्षेत्र में बिलियन सितारे मौजूद हैं । टैलिस्कोप हर रात दस से बारह जी.बी.डेटा जमा होगा । इसमें कैटलॉग गैलेक्सी एन.जी.सी.4274 व कई अन्य गैलेक्सी दिखी । ये प्रोजेक्ट लगभग 5 वर्ष चलेगा जिसका डेटा अगले दो वर्षों में आम जनता के लिए रख दिया जाएगा ।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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