हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस.. ख़तरे में कैबिनेट मंत्री की विधायकी ? बेहद संगीन इल्ज़ाम
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नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व ऋषिकेश से वर्तमान विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से पैंसे निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को बांटने के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने प्रेमचन्द्र अग्रवाल, चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखण्ड, राज्य सरकार, स्पीकर लेजिस्लेटिव असेम्बली विधान सभा भवन देहरादून, जिला अधिकारी देहरादून, एसडीएम, रिटर्निंग ऑफिसर रिषिकेश, जिला कोषागार अधिकारी देहरादून को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। सुनवाई 25 मई की तिथि नियत की है। सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई।
नैनीताल हाईकोर्ट में कैबिनेट मंत्री पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के चुनाव को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की गई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अग्रवाल और केंद्रीय चुनाव आयोग समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। इससे प्रेमचंद अग्रवाल की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है।
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उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव क दौरान स्पीकर विवेकाधीन राहत कोष की धनराशि के डिमांड ड्राफ्ट बांटकर चुनाव को प्रभावित किया है। हाई कोर्ट उत्तराखंड ने पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व ऋषिकेश से विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की ओर से चुनाव प्रक्रिया के दौरान स्पीकर विवेकाधीन राहत कोष की धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम बांटने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिका पर सुनवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री अग्रवाल समेत केंद्रीय निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार, विधान सभा अध्यक्ष, जिलाधिकारी देहरादून व एसडीएम व रिटर्निंग ऑफिसर ऋषिकेश, कोषाधिकारी देहरादून को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई को 25 मई की तिथि नियत की है। ऋषिकेश निवासी कनक धनै ने चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपया निकालकर लोगों में डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटा है।
जिसकी स्वीकृति विधान सभा सचिव ने दी थी। डिमांड ड्राफ्ट चार हजार 975 के बनाए गए है, इनमें तीन फरवरी व 9 फरवरी की तिथि डाली गई है। डिमांड ड्राफ्ट याचिका में सबूत के तौर पर संलग्न किये हैं। याचिका में मामले की जांच करने व जांच सही पाए जाने पर उनका चुनाव प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की है।
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