हाईकोर्ट ने हल्द्वानी मेडिकल कालेज रैगिंग मामले में सुनवाई करते हुए दिए ये आदेश … क्यों दर्ज की गयी FIR

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नैनीताल : – उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने हल्द्वानी के सभी मेडिकल कॉलेजो में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए है। न्यायालय ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को सपथपत्र पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने कॉलेज प्रबंधन से पूछा कि मामले में एफआईआर अज्ञातों के खिलाफ क्यों दर्ज की गई है इसका भी जवाब प्रबंधन को देने को कहा है।


मामले की अगली सुनवाई कि तिथि 30 मार्च के लिए नियत की गई है।
मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सचिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कालेज में 27 छात्रों का सिर मुड़वाकर कर उनके साथ रैगिंग की गई। उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है। सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े शर मुड़वाये हुए और सभी के हाथ पीछे की और है एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी स्टायल में खड़ा हुआ है। कहीं छात्र भाग न जाएं। रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है।


समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि यह सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियरों ने दिए हैं। ये छात्र सीनियर साथियों के आदेश का पालन कर रहे हैं। इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है।
जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है कालेज की तरफ से कहा जा रहा है कि छात्रों के शर में डेंड्रफ व जुवे पड़ गए थे इसलिए इनके बाल मुड़वा दिये। याचिकाकर्ता ने वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया।
बाईट :- शिव भट्ट, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।

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