सुप्रीम कोर्ट ने ऊत्तराखण्ड के राजाजी नैशनल पार्क निदेशक पद पर हुई एक पोस्टिंग पर मुख्यमंत्री पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि “सिर्फ इसलिए की वो मुख्यमंत्री हैं, क्या वो कुछ भी कर सकते हैं ?”
सी.बी.आई.जांच के दौरान आरोपी को क्रीमी पोस्टिंग देने से नाराज दिखा सुप्रीम कोर्ट। सरकार के निदेशक को हटाने के बयान के बाद निस्तारित की याचिका।
मामले के अनुसार राजाजी नैशनल पार्क के डायरेक्टर पद पर आई.एफ.एस.राहुल को चार्ज देने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल पर गंभीर टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले को सुनते हुए कहा कि “Just because he is Chief minister can do anything”(“सिर्फ इसलिए की वो मुख्यमंत्री हैं, क्या वो कुछ भी कर सकते हैं ?)। एक interlocutory(किसी याचिका के दौरान सुनाया गया निर्णय)याचिका पर अपनी सख्त टिप्पणी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही। न्यायालयों की रिपोर्टिंग करने वाले एक प्रमुख ‘बार एंड बेंच’ पोर्टल और अधिवक्ता के बयान पर खबर लिखी गई है।
अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि राजाजी नैशनल पार्क के निदेशक आई.एफ.एस.साकेत बडोला को कॉर्बेट नैशनल पार्क का निदेशक बनाने के बाद सरकार ने आई.एफ.एस.राहुल को राजाजी नैशनल पार्क का निदेशक बनाया था। बताया कि समाजसेवी अनु पंत की जनहित याचिका में निदेशक राहुल पर कई गंभीर आरोप लगे हैं जिसकी जांच सी.बी.आई.कर रही है। इस पोस्टिंग का वीरोध वरिष्ठ वन अधिकारियों ने भी किया था।
हालांकि सरकर ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा कि उन्होंने राहुल को राजाजी के निदेशक पद से हटा दिया है। अधिवक्ता अभिजय ये भी बताया कि न्यायालय ने कहा कि ये कार्यवाही मंत्री स्तर पर हुई है और मंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने आदेश लिखित में देने चाहिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस चैप्टर को क्लोज कर दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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