उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को प्रदेश सरकार ने सदन पटल पर अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश किया। वहीं इसके साथ ही आठ विधेयक भी सदन पटल पर रखे गए।
भराड़ीसैंण, गैरसैंण में चल रहे मॉनसून सत्र में आज वित्त मंत्री ने 5013.05 करोड़ रुपए का अनूपूरक बजट पेश किया।
जिसमे आपदा प्रबन्ध विभाग के अन्तर्गत एसडीआरएफ हेतु 718.40 करोड़ रुपए
समग्र शिक्षा के अन्तर्गत 697.90 करोड़ रुपए
एसडीएमएफ के अन्तर्गत 229.6 करोड़ रुपए
सूचना विभाग के अन्तर्गत 225 करोड़ रुपए
शहरी विकास के अन्तर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण हेतु बाह्य सहायतित योजनाओं में 192.00 करोड़ रुपए
पेयजल विभाग में सिवरेज मैनेजमेंट कार्यों हेतु धनराशि के रिंग फेंसिंग किये जाने हेतु 120 करोड़ रुपए
गैर-सरकारी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान 100.03 करोड़ रुपए
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (पेंशनर) के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपए
शहरी विकास के अन्तर्गत ई० डब्ल्यू०एस० आवासों हेतु 96.76 करोड़ रुपए
वाइब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत लगभग 130 करोड़ रुपए
अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण के अन्तर्गत 71 करोड़ रुपए
मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अन्तर्गत 70 करोड़ रुपए
यूनिटी मॉल/प्लाजा निर्माण के अन्तर्गत 69 करोड़ रुपए
यूजेवीएनएल में ऋण (एस०ए०एस०सी०आई०) के अन्तर्गत 61 करोड़ रुपए
यूपीसीएल परियोजनाओ हेतु ऋण (एस०ए०एस०सी०आई०) के अन्तर्गत 61 करोड़ रुपए
उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास निधि (यू०आई०आई०डी०एफ) के अन्तर्गत 52 करोड़ रुपए
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपए
प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपए
नाबार्ड पोषित मार्गो / पुलियों का अनुरक्षण हेतु 50 करोड़ रुपए
पीएमजीएसवाई से बनी सड़कों का अनुरक्षण के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपए
टिहरी झील के विकास हेतु 50 करोड़ रुपए
स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज अधिष्ठानों को समनुदेशन के अंतर्गत लगभग 46 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के अन्तर्गत 40.95 करोड़ रुपए
नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजनाओं के अन्तर्गत 40 करोड़ रुपए
विभिन्न विभागों के अन्तर्गत पी०एम० जनमन योजना हेतु लगभग 44.11 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री आवास योजना वन टाइम लोन के अन्तर्गत 35.83 करोड़ रुपए
एनईपी के अंतर्गत पी०एम०श्री योजना के अन्तर्गत 76.22 करोड़ रुपए
गौ सदन के निमार्ण हेतु 32 करोड़ रुपए
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत 36.18 करोड़ रुपए
स्टॉम्प एवं पंजिकरण विभाग के अन्तर्गत 27.58 करोड़ रुपए
JVNAL में निवेश (SASCI) 26 करोड़ रुपए
UPCL परियोजनाओ मे निवेश (SASCI) के अन्तर्गत 26 करोड़ रुपए
राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा आवासीय / अनावासीय भवन निर्माण के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपए
पुलिस कर्मियों के लिए आवास हेतु 25 करोड़ रुपए
नर्सिंग कालेजों की स्थापना (अनावासीय) के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपए
सहकारी, सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलो को पी०पी०पी० हेतु वी०जी०एफ० के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपए
सिंचाई विभाग में अन्य रख रखाव की मद के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपए
वनों की सुरक्षा एव प्रबंधन के अन्तर्गत 25 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु करोड़ रुपए 20 करोड
उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना हेतु लगभग 20 करोड़ रुपए
डेरी विकास परियोजना हेतु रिवाल्विंग फण्ड हेतु 15.00 करोड़ रुपए
हाउस ऑफ हिमालयाज को एक सशक्त ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने हेतु 10.00 करोड़ रुपए
पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु 15 करोड़ रुपए
परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु 12 करोड़ रुपए
प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई सम्पर्क सैचुरेशन हेतु उड़ान योजना के अन्तर्गत 10.00 करोड़ रुपए
साइलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजना हेतु दस करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के अन्तर्गत 8.00 करोड़ रुपए
सेतु आयोग हेतु 7.80 करोड़ रुपए
काशीपुर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु 5.75 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री उड़न खटोला योजना के अन्तर्गत 5.00 करोड़ रुपए
विद्या समीक्षा केन्द्र हेतु 5.00 करोड़ रुपए
राजकीय वृद्ध आश्रम का भवन निर्माण हेतु 5.00 करोड़ रुपए
पीएमई बस सेवा स्कीम अन्तर्गत देहरादून एवं हरिद्वार में इलेक्ट्रीक बसों के संचालन हेतु लगभग 5.00 करोड़ रुपए
आईस स्केटिंग रिंग के संचालन हेतु एक बारगी (वन टाईम) अनुदान के रूप में 5.00 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना हेतु 6 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना हेतु 2 करोड़ रुपए
वर्ल्ड आयुर्वेदा कांग्रेस एवं एक्सपों के आयोजन हेतु 2 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री मातृत्व योजना हेतु लगभग 1.44 करोड़ रुपए
सदन में आठ विधेयक हुए पेश
1-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024
2-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024
3-उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024
4-उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024
5-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक
6-उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024
7-उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024
8-विनियोग विधेयक 2024
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सदन में सत्र की अवधि कम होने का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश भर में उत्तराखंड विधानसभा की सबसे कम अवधि है। प्रदेश सरकार ने कहा, सदन को संचालित करने के लिए बिजनेस के आधार पर सत्र की अवधि तय की जाती है।
विपक्ष ने कहा, 2022 से 2024 तक विस सत्र मात्र 22 दिन चला है। 2017 से 2023 तक देश की विधानसभाओं का सत्र अवधि का औसत 22 दिन है, जबकि उत्तराखंड औसत 12 दिन है। सत्र को भी एक दिन में बिना चर्चा के पारित किया जाता है। पिछले तीन साल में कभी भी सोमवार का दिन नहीं आया, जिसमें मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के मुद्दों पर जवाब मिल सके।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार नहीं चाहती कि सत्र की अवधि बढ़ा कर सवालों का जवाब दे। विपक्ष की भूमिका सदन चलाने की है, लेकिन सरकार नियमों का ताक पर सदन को चलाना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सदन को चलाने के लिए बिजनेस के आधार सत्र की अवधि तय की जाती है। सरकार भी चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले।
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