रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को डूंगरपुर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषकुक्त करार दिया है। इस मामले में उन्हें बरी कर दिया है। पहले भी इस प्रकरण में आजम खान को 10 साल की सजा और जुर्माना हो चुका है।
गुड्डू खॉ निवासी डूंगरपुर थाना गंज ने मुकदमा लिखाया था। आरोप था कि उन के घर में घुसकर तोड़फोड़, लूटपाट की गई। पुलिस द्वारा की गई विवेचना में आजम खान का नाम सामने आया था। साथ ही अन्य नामजद 09 आरोपियों पर आरोप है कि वर्ष 2016 में जबरदस्ती घुसकर गाली गलौज करना, जान से मारने की धमकी देना एवं घर में रखा कीमती सामान तोडने व 3000 रुपये की नकदी लूट ली गई। इस मामले में वर्ष 2019 में थाना गंज में मुकदमा दर्ज कराया गया।
सोमवार को इस मामले में न्यायालय एडीजे (ई सी एक्ट)/एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ विजय कुमार द्वारा फैसला सुनाया गया। आजम खान जिला कारागार सीतापुर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये से पेश हुए।
आज़म खान को इससे पहले 10 साल की सजा सुनाई गई थी। चर्चित डूंगरपुर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को गुनहगार माना था। कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा और 14 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। साथ ही दूसरे दोषी को 7 साल की सजा और 6 लाख जुर्माना लगाया था।
आजम खां को इसी डूंगरपुर प्रकरण में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा विजय कुमार ने दोषी ठहराया था। तत्कालीन सपा सरकार में साल 2016 में डूंगरपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़कर सरकारी आसरा कॉलोनी बनाई गई थी।
वर्ष 2019 में 12 लोगों ने थाना गंज कोतवाली में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि तत्कालीन सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया था। इन मुकदमों में आजम खां का नाम विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा शामिल किया गया था। डूंगरपुर मामले में 12 मुकदमें दर्ज किए गए थे।
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