हल्द्वानी की शिवांगी ने रचा इतिहास,युगांडा अंतरराष्ट्रीय पारा-बैडमिंटन में जीता गोल्ड..


उत्तराखंड का नाम किया रोशन
उत्तराखंड की धरती एक बार फिर खेलों के क्षेत्र में गौरवान्वित हुई है। इंस्पिरेशन स्कूल, काठगोदाम की प्रतिभाशाली छात्रा शिवांगी पांडेय ने अंतर्राष्ट्रीय पारा-बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। शिवांगी ने 1 जुलाई से 6 जुलाई तक कंपाला, युगांडा में आयोजित युगांडा अंतर्राष्ट्रीय पारा-बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2025 में महिला सिंगल्स वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने डबल्स वर्ग में कांस्य पदक भी जीता।
शिवांगी का यह प्रदर्शन यहीं तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने युगांडा अंतर्राष्ट्रीय पारा-बैडमिंटन 2024 में भी डबल्स वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का पहले ही लोहा मनवा लिया था।
राष्ट्रीय स्तर पर भी छाई रहीं शिवांगी
अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के साथ-साथ शिवांगी ने राष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार प्रदर्शन किया है। हाल ही में आयोजित खेलो इंडिया 2025, जो इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, नई दिल्ली में संपन्न हुआ, उसमें शिवांगी ने महिला सिंगल्स वर्ग में कांस्य पदक जीतकर अपनी निरंतरता और प्रतिभा का परिचय दिया। इसके अलावा, उन्होंने खेल महाकुंभ 2024 और 2025 में लगातार दो वर्षों तक स्वर्ण पदक जीतकर यह सिद्ध कर दिया कि वे भारत की भविष्य की खेल सितारों में शामिल हैं।
विद्यालय परिवार में खुशी की लहर
शिवांगी की इस अद्वितीय उपलब्धि से इंस्पिरेशन स्कूल, काठगोदाम में गर्व और उत्साह का वातावरण है। विद्यालय की प्राचार्य, प्रबंधक एवं प्रबंधन समिति ने शिवांगी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी इस उपलब्धि से न केवल विद्यालय, बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने शिवांगी को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए भविष्य में और ऊँचाइयों को छूने की कामना की।
विद्यालय परिवार ने यह भी कहा कि शिवांगी का यह संघर्ष, समर्पण और सफलता न केवल अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, बल्कि यह सिद्ध करता है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो किसी भी प्रकार की बाधा लक्ष्य को पाने में आड़े नहीं आ सकती।
प्रेरणा बनी शिवांगी
शिवांगी पांडेय की यह यात्रा केवल पदकों की नहीं, बल्कि साहस, आत्मविश्वास और अटूट मेहनत की कहानी है। पारा-बैडमिंटन जैसे चुनौतीपूर्ण खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करना एक बड़ी उपलब्धि है, और शिवांगी ने इसे बार-बार सिद्ध कर दिखाया है।
उनकी सफलता यह संदेश देती है कि कोई भी शारीरिक चुनौती आपके सपनों के आड़े नहीं आ सकती। जरूरत है तो केवल आत्मबल, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन की।
उत्तराखंड की यह बेटी अब लाखों युवाओं की प्रेरणा बन चुकी है, और पूरे देश को उनसे आगामी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में और भी बड़े कीर्तिमानों की उम्मीद है। हम सब मिलकर शिवांगी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उन्हें सलाम करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।


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