उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा के कैम्पटी फॉल(जल प्रपात)को पर्यटकों का इंतजार है। मसूरी के कैम्पटी फॉल की तरह ही पाण्डवखोली का ये 70 फ़ीट ऊंचा जल प्रपात ऊंचाई से गिरता है और इसमें लोग स्नान भी करते हैं। अगर इस जल प्रपात के साथ दूनागिरी पर्वत, पांडवखोली और महावतार बाबा की गुफा का सौन्दर्यकरण, पर्यटन विभाग कर दे तो पूरा क्षेत्र चमक सकता है।
अल्मोड़ा जिले के प्रसिद्ध द्रोणागिरि पर्वत पर पांडवखोली नामक जगह है। मान्यता है कि द्वापर युग में पांडू पुत्रों ने अज्ञातवास के दौरान इस भूमि के अनेक स्थानों पर अपने दिन गुजारे थे। उनमें से ही अज्ञातवास का आखिरी दौर यहीं पांडवखोली और आसपास के क्षेत्र में गुजरा।
कालांतर में महाअवतार बाबा ने इसी स्थल से वैदिक संस्कृति से जुड़े ‘क्रिया योग’ को पुनर्जीवित किया। चूंकि यह पर्वत शिखर ब्रह्मज्ञान भी कराता है इसलिए इसे ब्रह्म पर्वत भी कहा जाता है।
अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट से 25 किमी की दूरी पर नायल रतखाल गांव के बीच लगभग 70 मीटर ऊंचा लीनरी जलप्रपात है। दूनागिरी के पहाडो के बीच में बसा यह सुंदर जलप्रपात लोगों को आकर्षित करता है। विकासखंड की तरफ से इस जलप्रपात को विकसित कर पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक टीम भेजी गई है। खंड विकास अधिकारी संतोष जेठी ने बताया कि मनरेगा और पर्यटन विभाग के सहयोग इस स्थल को विकसित कर पर्यटन के नक्शे में लाया जाएगा। वही ब्लॉक प्रमुख दीपक किरौला ने कहा इस जलप्रपात के आस पास दूनागिरी पर्वत, पांडवखोली और महावतार बाबा जी की गुफा है इस लिहाज से यह जलप्रपात जल्द की विकासखंड की शान बनेगा।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]