बड़ी खबर सामने आ रही है।उत्तर प्रदेश की एटीएस टीम को रविवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। यूपी एटीएस ने रूस में रहकर आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा भारतीय एजेंट गिरफ्तार किया है। यह अफसर रूस में भारतीय दूतावास में तैनात है।जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश एटीएस को गोपनीय विभाग ने सूचना दी थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर्स द्वारा कुछ लोगों से विदेश मंत्रालय भारत सरकार के कर्मचारियों को बहला-फुसलाकर और धन का लालच देकर भारतीय सेना से संबंधित भारत की सामरिक व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गोपनीय व प्रतिषेधक सूचनाएं प्राप्त की जा रही हैं।
इससे भारतीय आंतरिक व बाह्य सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा होने की आशंका है।यूपी एटीएस ने इस पर संज्ञान लेते हुए सर्विलांस के माध्यम से नजर रखकर साक्ष्य जुटाए। जांच पड़ताल में सामने आया कि सत्येंन्द्र सिवाल पुत्र जयवीर सिंह निवासी ग्राम शहमहीउद्दीनपुर थाना हापुड़ देहात, जिला हापुड़ नाम का व्यक्ति जो विदेश मंत्रालय भारत सरकार में एमटीएस के पद पर नियुक्त है और वर्तमान में मास्को रूस में भारतीय दूतावास में कार्यरत है, वह आईएसआई के हैंडलर्स को महत्वपूर्ण जानकारियों मुहैया करा रहा है।
उत्तर प्रदेश ATS (UP ATS) को बड़ी सफलता मिली है. टीम ने जिस शख्स को अरेस्ट किया है उस पर ISI का एजेंट होने का आरोप है. ये गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से हुई है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान सत्येंद्र सिवाल के तौर पर हुई है. ये एक भारतीय नागरिक है और विदेश विभाग में कार्यरत है. आरोप है कि सत्येंद्र सिवाल काफी समय से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था ।
सत्येंद्र मूल रूप से यूपी के हापुड़ जिले का रहने वाला है. वो साल 2021 से रूस की राजधानी मास्को में मौजूद भारतीय दूतावास में तैनात है. वो इंडिया बेस्ट सिक्योरिटी असिस्टेंट (IBSA) के पद पर कार्यरत है. सत्येंद्र सिवाल पर आरोप है कि वो भारतीय सेना और उससे जुड़ी कई अहम जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक पहुंचा रहा था।
UP ATS ने कैसे पकड़ा?
UP पुलिस को इनपुट मिला था कि ISI के हैंडलर्स भारतीय विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को बहला-फुसलाकर और पैसे का लालच देकर जासूसी करवा रहे हैं. यूपी एटीएस ने इसी के आधार पर कार्रवाई की. एटीएस द्वारा पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रानिक एवं सर्विलांस के माध्यम से निगरानी की जा रही थी. अधिकारियों के अनुसार 3 फरवरी को सतेंद्र को मेरठ में ATS के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन, पूछताछ में वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया।
ATS अधिकारियों ने जब सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उसने कई गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने की बात कबूल की है. इसके बाद आरोपी सत्येंद्र सिवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 121A और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है. जांच में ये बात भी पता चली है कि गिरफ्तार व्यक्ति ने ISI को जो जानकारियां दीं, उसके बदले में उसे पैसे भेजे गए थे. ATS ने उसके पास से दो मोबाइल, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किया है।
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