चारधाम यात्रा पर रजिस्ट्रेशन ज़रुरी, अब नये नियमों के साथ प्रशासन उठा रहा है ये कदम..

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चार धाम यात्रा 2022 :- अगर आप चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं और आपने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो सावधान हो जाए, बिना रजिस्ट्रेशन के यहां पर आने से आपको बैरंग लौटना पड़ सकता है. खासतौर से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के श्रद्धालुओं की रिकॉर्डतोड़ भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ये सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं. पुलिस प्रशासन ने अब चार धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर सख्ती शुरू कर दी है. उधर राज्य सरकार ने चारों धाम में निर्धारित यात्रियों की संख्या में भी एक-एक हजार का इजाफा कर दिया है.  

चार धाम यात्रा में इस बार भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैं. इसी के चलते अब यात्रा के नियमों में बदलाव किया गया है. नए नियमों के तहत अब मंदिरों में दर्शन के लिए एक-एक हजार यात्रियों की संख्या बढ़ा दी गई है. ये फैसला यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. बता दें कि ये व्यवस्था यात्रा के शुरूआती 45 दिनों के लिए ही लागू की गई है.

बीते मंगलवार को इसे लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव के बीच बातचीत हुई. जिसमें यात्रियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए. नए निर्देशों के तहत अब बदरीनाथ धाम में 16 हजार, केदारनाथ में 13 हजार, गंगोत्री में आठ हजार और यमुनोत्री धाम में रोज पांच हजार यात्री एकसाथ दर्शन कर पाएंगे. इस आदेश की पुष्टि अपर सचिव धर्मस्व रणवीर सिंह चौहान ने की है. 

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रजिस्ट्रेशन को लेकर सख्त हुआ प्रशासन

चार धाम यात्रा को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि शुरुआती दिनों में जबर्दस्त भीड़ यात्रा में आ रही है. जो भी यात्री आ रहे हैं वो रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग पहले से ही कराकर आएं. ताकि यात्रा के दौरान उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. दरअसल कोरोना के दो साल बाद इस बार चार धाम की यात्रा पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए शुरू की गई है. ऐसे में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यहां पर पहुंच रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में आने वाले यात्रियों को संभालना अब प्रशासन के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि पुलिस प्रशासन ने अब रजिस्ट्रेशन को लेकर सख्ती शुरू कर दी है. 

टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम किया गया तैयार
उत्तराखंड टूरिस्ट डेवलपमेंट बोर्ड ने उत्तराखंड आने वाले चार धाम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है. जो यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काम करेगा. इस सिस्टम को लेकर वरिष्ठ शोध अधिकारी सुरेंद्र सिंह सामंत ने कहा पर्यटन विभाग की पहल पर यात्रियों के रजिस्ट्रेशन सत्यापन से लेकर उनके सेफ्टी पॉइंट पर काम करने के लिए इस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक सात लाख से ज्यादा यात्रियों का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो चुका है. जिसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस सिस्टम के माध्यम से आपातकाल की अवस्था में परिजनों को सूचित करना है और शासन-प्रशासन को भी इसकी जानकारी देना है. 

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चारधाम में यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन को लेकर सरकार सख्त हो गई है. अब से बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी यात्री चारधाम यात्रा पर नहीं आ पाएगा. उत्तराखंडवासियों पर भी यह व्यवस्था लागू है. रजिस्ट्रेशन की जांच यात्रा मार्ग पर जगह-जगह स्थापित जांच चौकियों और पुलिस चौकियों पर की जाएगी. वहीं यात्रा के लिए बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के दृष्टिगत सरकार ने चारों धामों के लिए होने वाले पंजीकरण में प्रतिदिन की तय संख्या में एक-एक हजार की बढ़ोतरी भी कर दी है.

बताते चलें कि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में भी 5 घंटे की बढ़ोतरी की गई है. जानकारी के मुताबकि अब सुबह 4 बजे से दोपहर 3 बजे और फिर 4 बजे से रात 10:30 बजे तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश-विदेश के आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक ऊपर से यात्रा की अनुमति न मिले, तब तक वे यात्रा के लिए न निकलें.

पहले किया गया था ये फैसला

बता दें कि पहले धर्मस्व विभाग ने बदरीनाथ धाम में 15 हजार, केदारनाथ धाम में 12 हजार, गंगोत्री में सात हजार और यमुनोत्री में चार हजार श्रद्धालुओं की सीमा तय की थी. जिसका वहां के कारोबारियों और तीर्थ पुरोहितों ने  विरोध किया. जिसके बाद सीएम पुष्कर धामी  ने इस सभी को आश्वासन दिया कि इसमें जल्द ही संशोधन कर दिया जाएगा. वहीं अब चार धाम यात्रा के नियमों में बदलाव कर दिया गया है.

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4धामों के लिए तय है यात्रियों की संख्या

वहीं कोरोना के कारण दो सालों के बाद बिना किसी प्रतिबंध के शुरू हुई यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय की थी. बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 दर्शनार्थियों की संख्या तय की गई थी. वहीं यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है.

कई यात्रियों की मौत से व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं. यात्रा के शुरुआती दिनों में ही लगभग 20 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद व्यवस्था सवालों के घेरे में है. सरकार के तमाम दावों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग यहां उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. अब देखना ये होगा कि सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है.

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