राहुल की न्याय यात्रा,ये फार्मूला उत्तराखंड में बदलेगा 2024 की फिज़ा ! सत्ताधारियों में छटपटाहट ? क्यों …

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2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब बीजेपी के फॉर्मूले को ही आजमाने जा रही है। राहुल गांधी और उनकी टीम बड़े राज्यों के अलावा छोटे राज्यों पर भी फोकस कर रही है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तराखंड में प्रस्तावित स्वाभिमान न्याय यात्रा में भाग लेंगे। पार्टी की यह यात्रा अग्निवीर योजना के विरोध को केंद्र में रखकर निकाली जाएगी, जो राज्य में 50 से 60 दिन तक निकलेगी। राहुल गांधी यात्रा में 10 दिन भाग लेंगे। इधर, पार्टी का कहना है कि जैसे ही प्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा की घोषणा की गई है, भाजपा खेमे में हड़कंप मच गया है।

पिछले पांच साल में कांग्रेस की रणनीति में यह बड़ा बदलाव है। इसके अलावा एक और चेंज हुआ है।

कांग्रेस विपक्षी बीजेपी के मजबूत किले में मजबूती से विरोध करती नजर आएगी। बीजेपी के विरोध के लिए राहुल गांधी अब नरेंद्र मोदी के स्टाइल में नजर आ रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड में पदयात्रा करने का ऐलान किया है, जहां लोकसभा की पांच सीटें हैं। पिछले दो आम चुनावों में देवभूमि की पांचों सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में रही है।

बीजेपी इतिहास बनाते हुए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव भी जीत चुकी है। बीजेपी के वर्चस्व को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने जिन मुद्दों को उछाला है, वह उत्तराखंड के हिसाब से सटीक भी है।

सेना से जुड़े मुद्दे क्यों उत्तराखंड में हिट होते हैं


पदयात्रा के बाद कर्नाटक की जीत से कांग्रेस को चुनावी सक्सेस का फॉर्मूला मिल गया है। कांग्रेस उत्तराखंड में पदयात्रा करेगी। राहुल गांधी ने वादा किया है कि वह भी 10 दिनों तक पहाड़ी राज्य के जिलों में घूमेंगे। उनके साथ पदयात्रा में प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के स्टार चेहरे भी शामिल होंगे। इस दौरान राहुल गांधी और उनकी टीम अग्निवीर योजना, भर्ती घोटाला और उत्तराखंड से युवाओं का पलायन का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगी।

कांग्रेस का कहना है कि अग्निवीर योजना ने युवाओं के सपने तोड़े हैं। कांग्रेस की रणनीतिकारों को लगता है कि अग्निवीर योजना से पार्टी आसानी से पहाड़ी युवाओं से कनेक्ट हो जाएगी । यह काफी हद तक कारगर साबित हो सकती है।2021 में रक्षा मंत्रालय ने संसद को जानकारी दी थी कि सेना में उत्तराखंड की हिस्सेदारी पांच फीसदी है।

तब 68,997 जवान सिर्फ सेना में थे। अनुमान है कि अब इनकी संख्या 72000 के पार हो गई है। अर्धसैनिक बलों में भी उत्तराखंड के युवाओं की अच्छी भागीदारी है। राज्य में करीब 1 लाख 70 हजार रिटायर्ड फौजी हैं। सैन्य विधवाओं की तादाद भी करीब 50 हजार है। यूपी, हरियाणा, पंजाब, बिहार और राजस्थान की तरह उत्तराखंडी युवाओं में भी सेना में भर्ती होने का क्रेज है।

2014 में नरेंद्र मोदी ने दो मुद्दों से पलट दिया था खेल


पलायन का मु्द्दा तो उत्तराखंड का दशकों पुराना मुद्दा है। पोस्टल इकोनॉमी वाले राज्य के लिए बुरी खबर यह रही है कि यहां से पलायन कभी रुका ही नहीं। ग्रामीण विकास मंत्रालय और पलायन निवारण आयोग ने हालिया रिपोर्ट में बताया कि 2018 से 2022 के बीच उत्तराखंड के गांवों से 3.3 लाख से अधिक लोगों ने देश के अन्य राज्यों में पलायन किया।

इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण रोजगार की कमी ही रही है। उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग अपने स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दे पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सैनिक परिवारों को लुभाने के लिए वन रैंक, वन पेंशन का वादा किया था। पलायन रोकने के लिए पर्यटन को मंत्र बताकर नरेंद्र मोदी ने 9 साल पहले 55.3 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।

एंटी इनकंबेसी का माहौल बनाने की कोशिश
राहुल अब नरेंद्र मोदी के फार्मूले को बीजेपी के खिलाफ आजमाने वाले हैं। दो टर्म लगातार सत्ता में रहने वाली बीजेपी के लिए एंटी इनकंबेसी का माहौल बनाने के लिए पहाड़ का दिल छूने वाले मुद्दे मुसीबत बन सकते हैं। राहुल गांधी की प्रस्तावित पदयात्रा बीजेपी की टेंशन बढ़ा सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति सुधरी थी। उसे 2017 के मुकाबले 4.4 फीसदी वोट ज्यादा मिले थे। 8 सीटों का फायदा भी हुआ था। मैदानी इलाकों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बेहतर था। राहुल की पदयात्रा के जवाब के लिए बीजेपी को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आश्चर्य की बात है की आज एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद उत्तराखंड भाजपा को अचानक अग्निवीर योजना याद आई और उसे अपने नेताओं से अग्निवीर के बचाव में प्रेसवार्ता तक करवानी पड़ी।माहरा ने कहा कि पिछले सवा साल से अग्निवीर योजना ने प्रदेश के युवाओं का एक सैनिक बनने का सपना तोड़ दिया है। उनके साथ अग्निवीर के नाम पर छलावा किया जा रहा है। राहुल गांधी इस योजना का विरोध करने उत्तराखंड आ रहे हैं, यह खबर सुनते ही भाजपा पूरी तरह से घबरा गई है।

महारा ने कहा की कांग्रेस पहले दिन से इस योजना का विरोध कर रही है। पार्टी का मानना है कि है कि अग्निवीर योजना युवाओं के साथ ही नहीं देश के साथ भी धोखा है। देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ है। कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आने पर इस योजना को समाप्त करने का काम करेगी और सेना के पुराने स्वरूप को लौटाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा में राहुल गांधी के साथ ही प्रियंका गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया जाएगा। यात्रा कुमाऊं से लेकर गढ़वाल और जौनसार क्षेत्र में निकाली जाएगी।

सत्ताधारियों में छटपटाहट ?

अग्निवीर योजना पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। योजना के खिलाफ कांग्रेस स्वाभिमान यात्रा चलाएगी। पार्टी ने कर्नल कोठियाल और शौर्य डोभाल को फील्ड में उतारा।

सैन्य बहुल उत्तराखंड में सेना की अग्निवीर योजना पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव से पहले अग्निवीर योजना के जरिये राज्य के युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए स्वाभिमान यात्रा निकालने का एलान किया है। जवाब में शनिवार को भाजपा ने भी योजना के समर्थन में जनजागरण अभियान छेड़ा।

प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कोठियाल ने कहा, अग्निवीर योजना अभी मात्र एक वर्ष हुए हैं और लिहाजा इसका सर्वाधिक परिणाम आगे आएगा। सेना की औसत आयु को कम कर यह योजना भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि करने वाली है। सेवा के दौरान वेतन और बाद में दी जाने वाली एकमुश्त रकम युवाओं के लिए लाभकारी साबित होगी।

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