उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने काशीपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों के फिटनैस सर्टिफिकेट काशीपुर की जगह रुद्रपुर में एक निजी कंपनी से कराने के परिवहन आयुक्त के आदेश पर रोक लगा दी है। वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में कहा कि आम लोगों की सहूलियत के लिए परिवहन वाहनों का फिटनेस टेस्ट और उसके सर्टिफिकेट काशीपुर के ए.आर.टी.ओ.कार्यालय से ही जारी किए जाएं।
काशीपुर के ट्रांसपोर्टरों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका डालकर परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश को चुनौती दी। मामले के अनुसार प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 5 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर कहा कि काशीपुर और जसपुर के बड़ी व छोटी ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के फिटनेस सर्टिफिकेट अब रुद्रपुर में स्थित लखनऊ की निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। बताया गया है कि इस ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर(ए.टी.सी.)को भी परिवहन आयुक्त कार्यालय ने बिना टेंडर के ही ये अहम जिम्मेदारी दे दी गई।
इन दो शहरों के ट्रांसपोर्टरों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाकर इसे बड़ी परेशानी और काफी ज्यादा खर्चीला बताते हुए निरस्त करने को कहा।
ट्रांसपोर्टरों ने न्यायालय से कहा की काशीपुर में ए.आर.टी.ओ.नंबर यू.के.18 होने के बावजूद फिटनेस के लिए 70 से 90 किलोमीटर दूर रुद्रपुर जाना खर्चीला, कष्टदायक और समय लेने वाला है। ये भी कहा गया कि इससे कई व्यवहारिक दिखकतों के अलावा ये वाहन अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाने को मजबूर हो जाएंगे। न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया है कि वर्ष 2013 में काशीपुर ए.आर.टी.ओ.खुलने के बाद उसके सैटअप में लेट लतीफी के कारण उच्च न्यायालय ने आम लोगों की सहूलियत को देखते हुए एक माह के भीतर फाइलों को रुद्रपुर से काशीपुर कार्यालय शिफ्ट करने के आदेश दिए थे।
मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होनी तय हुई है।
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