पाखरो रेंज घोटाला: CBI ने शासन को सौंपी जांच रिपोर्ट, 5 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में हुए 215 करोड़ रुपये के घोटाले की सीबीआई जांच लगभग डेढ़ साल बाद पूरी हुई है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड शासन को सौंप दी है और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। इस मामले में पूर्व वन अधिकारियों, ठेकेदारों और राजनीतिक हस्तियों के गठजोड़ पर गंभीर आरोप लगे हैं।

क्या है पूरा मामला?

2019 में पाखरो रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी बनाने का प्रस्ताव आया, लेकिन बिना वित्तीय स्वीकृति ही निर्माण शुरू कर दिया गया।

पेड़ों की अवैध कटाई, धन का दुरुपयोग और घटिया निर्माण के आरोपों पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)ने जांच की, जिसमें गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।

2022 में विजिलेंस ने पूर्व डीएफओ किशन चंद और रेंजर बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया।

आरोप है कि सफारी के नाम पर 215 करोड़ रुपये लूटे गए, जिसमें दूसरे बजट मदों का पैसा गबन किया गया और ठेकेदारों से कमीशन लिया गया।

जेनरेटर सेट जैसी सामग्री का पूर्व मंत्री के करीबियों के पेट्रोल पंप और कॉलेज में इस्तेमाल होने का भी खुलासा हुआ।

सीबीआई और ED की जांच
अक्टूबर 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई।

ED भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर जांच कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक,5 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी गई है।

शासन से अनुमति मिलते ही सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी।

मामले में कई बड़े नाम शामिल होने की सम्भावना।

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