उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’_अब पाखंडियों पर कसेगा शिकंजा, सीएम ने दिए कड़े निर्देश

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देवभूमि उत्तराखंड, जो अपनी आध्यात्मिक धरोहर, ऋषि-मुनियों की तपोभूमि और सनातन संस्कृति के लिए जानी जाती है, अब छद्म साधुओं और पाखंडी तत्वों के विरुद्ध निर्णायक अभियान छेड़ने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे असामाजिक और छद्मवेशधारी व्यक्तियों के खिलाफ विशेष अभियान ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं।

क्या है ‘ऑपरेशन कालनेमि’?

इस अभियान का नाम *‘कालनेमि’ एक पौराणिक असुर के नाम पर रखा गया है, जिसने रामायण काल में साधु का वेश धारण कर हनुमान जी को भ्रमित करने का प्रयास किया था। ठीक उसी तरह, आज के समय में कुछ लोग संत-साधु के वेश में लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को धोखा देकर ठगी और आस्था के नाम पर शोषण कर रहे हैं। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ का उद्देश्य ऐसे पाखंडी तत्वों की पहचान कर उन्हें कानून के कठघरे में लाना है।

प्रदेश में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें तथाकथित ‘बाबा’ या ‘महात्मा’ बनकर कुछ लोग लोगों को झूठे आश्वासन देकर आर्थिक और मानसिक रूप से शोषित कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण और धार्मिक क्षेत्रों में ये लोग धर्म की आड़ लेकर महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। इससे न केवल लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि पूरी सनातन परंपरा की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा,

“जिस प्रकार रामायण काल में असुर कालनेमि ने साधु का रूप धारण कर लोगों को भ्रमित किया था, उसी प्रकार आज कई ‘कालनेमि’ समाज में सक्रिय हैं। यह सरकार आस्था और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि:

ऐसे लोगों की पहचान की जाए जो साधु-संतों का वेश धरकर धोखाधड़ी कर रहे हैं।

प्रत्येक धार्मिक स्थल और तीर्थ क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए।

जनता को जागरूक किया जाए कि वे किसी भी साधु या बाबा की अंधभक्ति में न पड़ें और उनकी पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करें।

पकड़े गए लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और यदि वे संगठित गिरोह से जुड़े हों तो उनके नेटवर्क को भी ध्वस्त किया जाए।

उत्तराखंड सरकार इस अभियान के जरिए केवल अपराधियों को दंडित ही नहीं करना चाहती, बल्कि समाज में यह संदेश देना चाहती है कि आस्था और धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार की ठगी या पाखंड को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


‘ऑपरेशन कालनेमि’ न केवल उत्तराखंड में, बल्कि पूरे देश में एक मिसाल बन सकता है, जहां धर्म और भक्ति की आड़ में चल रही काली करतूतों पर लगाम लगाई जाए।

जनता से अपील

प्रदेश सरकार ने जनता से भी अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध साधु, बाबा या तांत्रिक की सूचना नजदीकी पुलिस थाने या हेल्पलाइन नंबर पर दें। साथ ही सतर्क रहें और किसी भी व्यक्ति पर आंख मूंदकर विश्वास न करें।

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