“एक शाम सैनिकों के नाम” राष्ट्रभक्ति के जोशीले तरानों से गूंजा राजभवन नैनीताल..

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उत्तराखण्ड का नैनीताल राजभवन आज राष्ट्रभक्ति के गीतों से गूंज उठा। राज्यपाल के भाषण में भी एक अलग ही जोश और देशभक्ति दिखी।


राज्यपाल ले.जर्नल(से.नि.)गुरमीत सिंह की पहल पर नैनीताल राजभवन में पहली बार “एक शाम सैनिकों के नाम” कार्यक्रम रखा गया। यहां प्रदेश के या यहां से जुड़े सैनिक और उनके परिवार एकत्रित हुए। कार्यक्रम में अर्ध सैनिक बल के वीर जवानों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आर्मी बैंड और गायकों द्वारा गए गए राष्ट्रभक्ति के गीतों ने मौजूद सैनिकों और उनके परिवारों को जोश से भर दिया।


इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दो वर्ष पहले इस कार्यक्रम की शुरुवात हुई। उन्होंने कहा, पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मारा था जिसका बदला ऑपरेशन सिंदूर के रूप में तीनों सेनाओं ने दो दिनों में ही ले लिया। दोनों देशों के डी.जी.एम.ओ.ने बात कर शांति बनाई लेकिन पी.एम.ने कहा युद्ध अभी थमा नहीं है।

कहा कि देश में कोई भी युद्ध या हमले में एक न एक उत्तराखंडी जवान शहीद होता है। हमने शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी। अबतक 27 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है। सहायता राशि को बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है। कहा कि 1734 शहीदों के घरों की मिट्टी और 28 नदियों का जल लेकर बना है देहरादून का शहीद स्मारक।


सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम की शुरुवात इसी वर्ष हुई है। ये नैनीताल राजभवन का पहला और राज्य का दूसरा कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य भारत सरकार द्वारा सम्मानित सैनिकों को प्रदेश में सम्मान देना है। राष्ट्र को योगदान देने वाले सैनिकों को याद किया गया है।


सांस्कृतिक कार्यक्रम में सितार वादन डॉ.जगदीश व अमन महाजन ने प्रस्तुति दी। शास्त्रीय गायक राकेश शर्मा ने “कर चले हम फिदा जानोतन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों” और “है प्रीत जहां की रीत वहां, मैं भारत का रहने वाला हूं” गया जबकि गायक अलंकार महतोलिया ने “ए मेरी जमीं मेहबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा खून बहे, तेरी मिट्टी में मिल जावां”

और “मेरा रंग दे बसंती चोला माहे रंग दे”गया। इसके बाद दोनों गायकों ने “संदेशे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, हो चिट्ठी आती हैं, जो पूछे जाती है कि घर कब आओगे ? गया जिसपर दर्शक भावविभोर हो गए।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल मोड़ से ‘एक शाम सैनिकों के नाम’ संबंधी संदेश दिया। ऊत्तराखण्ड वीरों की भूमि, यहां के सैनिकों ने अदम्य साहस और वीरता का उदाहरण दिया है। सैन्य कल्याण सरकार की प्राथमिकता में है। अमर शहीदों की विधवाओं के लिए अनेक योजनाएं लागू की है।


इस मौके पर ब्रिगेडियर डी.जी.मिश्रा, जर्नल गोपाल सिंह बिष्ट, सी.ओ.नेवल एन.सी.सी.
चंद्रविजय सिंह नेगी, वेटरन वेलफेयर ऑफिसर कर्नल आदित्य सिंह, ले.कर्नल रविन्द्र सिंह सैनी, ब्रिगेडिया बी.एस.बसेडा, ब्रिगेडियर आर.के.पाठक आदि बड़ी संख्या में फौजी उपस्थित रहे। के.यू.के वी.सी. रावत, सी.ई.ओ.कैंट बोर्ड वरुण कुमार, एस.एस.पी.प्रह्लाद नारायण मीणा।


कार्यक्रम में सेवा मैडल के लिए कर्नल शीशपाल सिंह, ले.कर्नल सुदीप कालाकोटी, ले.कर्नल नीतीश त्यागी, ले.कर्नल खीम सिंह, ले.कर्नल मोहित रावत, मेजर सौरभ सिंह, मेजर अरविंद चंद, मेजर प्रसून नौटियाल, मेजर राजेश सिंह, सूबेदार ललित मोहन सिंह, हवलदार सिंह, लांस नायक संजय बिष्ट, ओनरेरी मेजर सूबेदार खड़क सिंह कार्की, नायक जगदीश चंद जोशी समेत अन्य को सम्मानित किया गया। अर्ध सैनिक बलों के लिए एस.एस.बी.के श्याम सिंह मेर, हैड कॉन्स्टेबल मंजीत्, कॉन्स्टेबल संजीव कुमार सिंह, आई.टी.बी.पी.की कॉन्स्टेबल मनीषा, कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र सिंह, असम रेजिमेंट के कर्नल शिवांश, सूबेदार ज़िम्पा, इंडिपेंडेंट रेजिमेंट के मेजर ओला और सूबेदार जितेंद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।


अन्त में अपने संबोधन में राज्यपाल ले.जर्नल(से.नि.)गुरमीत सिंह ने कहा कि इतना उत्साह इतना जोश, आज गर्व हो रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री का रक्षा सलाहकार, सी.डी.एस.जर्नल बिपिन सिंह रावत और वर्तमान सी.डी.एस.चौहान भी ऊत्तराखण्ड के हैं। वीर रस के गीतों से खून खौल रहा था। कहा कि रेड लाइन है कि पी.ओ.के.को वापस लिया जाएगा।

भारतीय सेना ने टेक्नोलॉजी से उन्हें चुन चुन के मारा। चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, ये संकल्प लेने का समय है। हर वर्ष वीरता के लिए 15 से 20 मैडल ऊत्तराखण्ड को मिलते हैं। आपके अंग अंग में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना है, जिसे हर व्यक्ति तक ले जाना है। पूर्व फौजियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ नियुक्तियां देंगे। केरल के पूर्व फौजियों की तरह हम भी होम स्टे शुरू करने के लिए तैयारी कर रहे हैं।

हमारे सैनिक राष्ट्र की आत्मा के संवाहक हैं। सेना नौकरी नहीं धर्म है, ये वो जीवन है जहां राष्ट्र प्रथम का जाप होता है। राज्यपाल, उनके ए.डी.सी.और उनके सचिव ने ‘ग्रीवेंस सेल’ बनाई जिसमें 3000 समस्याएं और शिकायतें आई जिसमें से 90प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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