उत्तराखण्ड उच्च ने गौला नदी से निकली उपखनिज सामग्री के मैन्युअल तुलान(तोल)और अवैध खनन पर वन विकास निगम और सरकार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 4 जनवरी को होनी तय हुई है।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि हल्द्वानी के हल्दूचौड़ निवासी याचिकाकर्ता पीयूष जोशी ने उच्च न्यायालय में एक जनहित डालकर कहा कि नदियों में खनन सामग्री को नियमानुसार न तोलकर नियमविरुद्ध तोला जा रहा है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। कहा कि गौला नदी में अवैध खनन और इलेक्ट्रॉनिक कांटों की जगह मैनुअल तरीके से माप तोल चल रही है। इसमें, मात्रा के आधार पर आर.बी.एम.का आंकलन किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है।
आज जनहित याचिका को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने वन विकास निगम और अन्य पक्षकारो को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई चार जनवरी के लिए रख दी है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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