हाईकोर्ट से रेलवे अतिक्रमण मामले में नहीं मिली राहत, फैसला सुरक्षित..

ख़बर शेयर करें

हाईकोर्ट ने सोमवार को हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने रेलवे, राज्य, केंद्र सरकार व प्रभावित लोगों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है। खण्डपीठ ने पक्षकारों को छूट दी है कि अगर उनको और कुछ कहना है तो वे दो सप्ताह के भीतर अपना रिटर्न सबमिशन कोर्ट में पेश कर सकते है। सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान रेलवे ने अतिक्रमण हटाने को लेकर 30 दिन का प्लान कोर्ट में भी पेश किया। जिसमें कहा गया कि कोर्ट के आदेश पर 31 मार्च को उन्होंने जिलाधिकारी के साथ बैठक की थी। जिलाधिकारी द्वारा उनसे पूरा प्लान मांगा गया। जिसे रेलवे ने तैयार कर जिलाधिकारी के साथ ही कोर्ट में भी पेश कर दिया है। जिला प्रशासन से अतिक्रमण हटाने को लेकर सुरक्षा की मांग भी की गई है। पूर्व में रेलवे ने शपथपत्र पेश कर कहा था कि जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है। इस पत्र के आधार पर कोर्ट ने जिला प्रशासन व रेलवे को संयुक्त बैठक के निर्देश दिए थे। वहीं जनहित याचिका में कुछ प्रभावित लोगों ने प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें कहा कि वे वर्षों से यहां रह रहे हैं। यह भूमि उनके नाम खाता खतौनियों में चढ़ी हुई है। रेलवे ने उनको सुनवाई का मौका तक नहीं दिया।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *