उत्तराखंड के इस शहर में स्टॉप चाइल्ड लेबर केवल नाममात्र नारा रह गया.बच्चो से कराया जा रहा यह काम ..

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काशीपुर ऊधम सिंह नगर 08.November 2020 स्टॉप चाइल्ड लेबर का भले ही नारा दिया जाता हो, लेकिन हकीकत कुछ और हैं। शहर की गंदगी के बीच कूड़ा बिनने वाले इन मासूमो का जीवन कूड़े के ढेर में ही मिल कर रह गया है। और सरकारी योजनाएं एक सवाल बनके रह गई हैं। क्या कूड़े के ढेर में ही बीत जाएगी मासूमों की जिंदगी,काशीपुर क्षेत्र से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई है.

जिसको देखने के बाद उन अधिकारियों के लिए सोचने को मजबूर हो जाएंगे जो नाबालिगों को काम करने से रोकने के लिए मोटी तनखा लेते हैं। अपनी जिम्मेदारी को किस तरीके से निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं। काशीपुर के नगर निगम द्वारा शहर गांव को स्वच्छ बनाने के लिए डोर टू डोर घरेलू कूड़ा-कचरा लेने के लिए वाहन चलाएं गए वाहन में एकत्र कूड़ा-कचरा मानपुर रोड पर इससे खाली प्लॉट में एकत्र किया जाता है।

और एकत्र कोड़ा आजकल कुछ पैसों के लालची लोगों की नजरों में बना हुआ है जहां लालची लोग कुछ नाबालिक बच्चों परिवार की मजबूरी का फायदा उठाकर एकत्र हुए कूड़े-कचरे में नौनिहालों से 80 रुपए बोरे के हिसाब से लोहा प्लास्टिक एकत्र करा कर आगे बेचते हैं। नौनिहालों को बीमारिया देते है। तो खुद मालामाल होते हुए दिखाई दे रहे हैं। आखिर कहां लापता है बाल श्रम अधिकारी नौनिहालों के शोषण की सूचना मिलते ही महिला बाल किशोर जनजागृति समिति की अध्यक्ष ज्योति अरोरा ने मौके पर पहुंच कर जिम्मेदार अधिकारियों श्रम विभाग और पुलिस को तत्काल सूचना दी।

NGO अध्यक्ष ज्योति अरोरा ने बताया कि पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची तो जरूर लेकिन वहां से वापस खाली हाथ लौट गई बस आश्वासन दिया कि हम कार्यवाही करेंगे। स्टॉप चाइल्ड लेबर का भले ही नारा दिया जाता हो, लेकिन हकीकत कुछ और हैं। शहर की गंदगी के बीच कूड़ा बिनने वाले इन मासूमो का जीवन कूड़े के ढेर में ही मिल कर रह गया है। और सरकारी योजनाएं एक सवाल बनके रह गई हैं।

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