उत्तराखंड में नैनीताल के नारायण नगर के ग्रामीण कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर लगातार दूसरे दिन आंदोलनरत रहे। उन्होंने एस.डी.एम.और तहसीलदार की बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि अगर प्लांट नहीं हटा तो वो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नैनीताल से कालाढूंगी जाने वाले मार्ग में नारायण नगर गांव के पास कूड़ा रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने का ग्रामीण गुरुवार से विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को प्लांट की नई मशीनें आने के बाद से ही खुर्पाताल, सड़ियाताल, चोर खेत और नारायण नगर के ग्रामीण में नाराजगी है।
उन्होंने गुरुवार को भी अपनी नाराजगी जताते हुए मशीन लेकर आए ठेकेदार की नहीं मानी और उसे भगा दिया। आज एस.डी.एम.राहुल साह और तहसीलदार नवाजिश खलीक ग्रामीणों को समझाने पहुंचे थे। ग्रामीणों के साथ उनकी मात्र शक्ति भी मौके पर पहुंच गई और उन्होंने मशीन को नारायण नगर में लगाने का विरोध किया।
ग्रामीणों का कहना था कि मशीन के लगने के बाद कूड़ा निस्तारण का काम शुरू होगा और क्षेत्र में दुर्गंध के साथ गंदगी और मूरे, मच्छर और मक्खियां फैल जाएंगी। नगर पालिका ने इस प्लांट को रिहायसी क्षेत्र से दूर किसी दूसरी जगह पर लगाना चाहिए।
बता दें कि नगर पालिका ने शहर और आसपास के कूड़े को निस्तारित कर उससे ग्राफीन और कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए यह प्लांट लगाने का मन बनाया है। इसके लिए रुद्रपुर की एक कंपनी को 1.75 लाख रुपये में टेंडर दिया गया है। इस प्लांट की श्रमता 25 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित करने की है जबकि नैनीताल शहर से से प्रतिदिन 14 टन कूड़ा ही निकल पाता है।
ग्रामीण इसका विरोध कर इसे अन्यत्र लगाने की मांग कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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