नैनीताल : लालकुआं तराई केन्द्रीय वन प्रभाग के टाड़ा रेंज की वन विभाग टीम ने नेशनल हाइवे प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में वन भूमि पर हाईवे किनारे बने दो धार्मिक स्थलो को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया वहीं दोनों ही धार्मिक स्थल लगभग 40 से 50 साल पुराने बताये जा रहे हैं इधर वन विभाग ने दोनों ही स्थलों को ध्वस्त करने के साथ ही लोगों को वन विभाग और हाईवे की जमीन पर किसी तरह के अतिक्रमण नहीं करने की चेतावनी दी गई।
बताते चलें कि उत्तराखंड सरकार की ओर से जंगलों व सड़क किनारे अवैध रूप से निर्मित धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे इसके तहत तराई केन्द्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज के अन्तर्गत में दवाई स्थित नेशनल हाइवे के किनारे वनभूमि पर बने दो धार्मिक स्थलो को चिह्नित किया गया था।वही वन विभाग की ओर से पूर्व में स्थालो को हटाने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे मगर अभी तक उन्हें हटाया नहीं गया।
इधर सोमवार को लगभग सुबह 10 बजे वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के नेतृत्व में नैशनल हाइवे प्रशासन और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में वन प्रभाग की टीम नगला बाईपास स्थित दवाई फार्म के पास पहुंची जहां वन विभाग ने दोनों ही धार्मिक स्थलो को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया इस दौरान कोई विरोध भी नहीं हुआ दोबारा वहां पर निर्माण न हो इसके लिए वन विभाग ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं ।
वहीं प्रशासन की टीम ने जिन धार्मिक स्थलो को ध्वस्त किया है वह 40 से 50 साल पुराने बताये जा रहे है इधर मजार की देखरेख कर रहे जमील अहमद ने बताया कि वह करीब 40 वर्षों से मजार की देखरेख कर रहे वन विभाग की ओर से इस संबंध में उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया।
इधर टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि शासन के निर्देश पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इसी के तहत आज टांडा रेंज के अन्तर्गत नैशनल हाइवे के किनारे वन भूमि पर बने दो धार्मिक स्थलो को ध्वस्त किया है उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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