Nainital : कानून का काम या प्रकृति से खिलवाड़ ? टूटी शराब की बोतलों से पर्यावरण, वन्यजीव व शमशान में खतरा


उत्तराखण्ड के नैनीताल में दर्जनों बोरों और पेटियों में भरी शराब की बोतलों को फोड़कर डिस्ट्रॉय किया गया है। जंगल से लगे इस हिस्से में न केवल पर्यावरण को बल्कि वन्यजीवों को भी जान का खतरा बन गया है।

नैनीताल से भावली मार्ग में पाइंस स्थित पुलिस चौकी के ठीक बगल में हजारों कांच की बोतलें और बियर के टिन तोड़कर फैंके गए हैं। जिनमें शराब नंबर1, हंटर बियर, हेवर्डस5000, टुबोर्ग, गुलाब आदि की बोतलें और कैंन हैं। पेटियों में लगे टैग से मालूम पड़ता है कि ये अवैध शराब जप्त की गई है।

बरामद 55 पव्वे देसी मसालेदार शराब अभियुक्त नरेंद्र से बरामद हुए थे। ऐसे ही एक पेटी में 40 पव्वे अभियुक्त संतोष से बरामद किए गए। इसके अलावा भी कई कट्टे और पेटियां देखी गई हैं। इन असंख्य बोतलों को फोड़कर डिस्ट्रॉय किया गया है। ये जंगल से गधेरे की तरफ फेंकी गई है, जहां शमशान घाट का पानी बहता है। इन टूटी बोतलों से पर्यावरण को भारी नुकसान झेलना पड़ता है और इससे वन्यजीवों को शारीरिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

एस.ओ.तल्लीताल रमेश बोरा के अनुसार, डिस्ट्रॉय करने वाली शराब को बहाया जाता है और खाली बोतलों को कभाड़ी को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई दूसरे थाना क्षेत्र के लोग न्यायालय के आदेश पर इसे डिस्ट्रॉय कर रहे होंगे, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

आबकारी अधिकारी मीनाक्षी टम्टा ने बताया कि उनके विभाग की तरफ से शराब डिस्ट्रॉय नहीं कि गई है। इसे हो सकता है पुलिस ने डिस्ट्रॉय किया है, और वहां से जानकारी ले लें।
समाजसेवी राजेन्द्र परगाई ने बताया कि वो सूचना के बाद मौके पर पहुंचे और कांच की बोतलों को फोड़कर जंगल मे फैंका पाया। उन्होंने इससे पर्यावरण और वन्यजीव समेत अन्य को नुकसान होने पर चिंता व्यक्त की।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती


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