उत्तराखण्ड में नैनीताल से लगे भेवा गांव में एक मकान टूट गया जिसको मालिक ने रात में खतरनाक सिचुएशन देखकर दूसरी जगह पनाह ली। सवेरे मकान को देखा तो वो टूटकर बुरी तरह से श्रतिग्रस्त हो गया था। घर की निचली मंजिल में रह रहे मवेशी दबने से बाल बाल बचे।
नैनीताल से कालाढूंगी की तरफ राजकीय राजमार्ग में मंगोली गांव के समीप भेवा गांव में चंदन सिंह कंडारी का परिवार रहता है। उनका पुस्तैनी मकान पत्थरों का बना है, जो अबतक कि बरसातों को आसानी से झेलता आया है। बीते कुछ दिनों से पहाड़ों में हो रही अनियंत्रित बरसात से मकान को थोड़ा नुकसान हो गया।
बुधवार शाम जब बरसात नहीं रुकी तो चंदन और उसके परिवार वालों को मकान की सुरक्षा को लेकर कुछ आशंका हुई और वो लोग पड़ोस में किसी संबंधी के घर में रहने चले गए। परिवार अपने मवेशियों को घर की निचली मंजिल(गोठ)में छोड़कर चला गया। रात के अंधेरे में तो केवल आवाज़ें सुनाई दी जिससे उन्हें कुछ पता नहीं चला, लेकिन सवेरे जब उन्होंने घर को देखा तो उनके होश उड़ गए।
घर की बाहरी दीवारें गिर गई थी और अंदर से दीवारें खोखली हो गई थी। चंदन ने अपने भाइयों के साथ मिलकर मवेशियों को निकाला। चंदन के घर की स्थिति अब इतनी खराब हो गई है कि वो रहने लायक नहीं रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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