कालाढूंगी का गौ-मांस के शक में हिंसा मामला : नाबालिग के बयान पर हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला

ख़बर शेयर करें

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने गौकशी मामले में लॉन्चिंग मामले में नाबालिग की गिरफतारी पर रोक लगा दी है और याचिका को निस्तारित के दिया है।


न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में आज कालाढूंगी थाने में दर्ज एफ.आई.आर.में हिन्दु संगठनों द्वारा गौ मांस होने का हल्ला करते हुए गाडी में तोडफोड और मारपीट करने के आरोपी नाबालिग की गिरफतारी पर रोक लगाने संबंधी याचिका में सुनवाई हुई। एकलपीठ ने नाबालिग की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है।


मामले के अनुसार, बैलपड़ाव निवासी पियूष वर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि कालाढूंगी पुलिस स्टेशन में बीती 23 अक्टूबर को 14 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता का नाम भी शामिल है। एफ.आई.आर.में कहा गया था कि कुछ हिन्दु संगठनों ने गौमांस होने का हल्ला करते हुए शिकायतकर्ता की गाडी में पत्थरों, रॉड और पाठल से तोडफोड की और चालक की पिटाई की। साथ ही चालक को जान से मारने का प्रयास भी किया गया।

शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि अज्ञात हिन्दुवादी संगठन के लोगों को वीडियो व फोटो से पहचाना गया तो उस घटना में लोगों के नाम एफ.आई.आर.में दर्ज किए गए।


याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह इस घटना में शामिल नहीं है, उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वह 16 वर्ष का नाबालिग है और घटना के समय टयूशन से घर को आ रहा था। याचिकाकर्ता की ओर से उसकी गिरफतारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *