उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य बीमा के मामले में स्टार हैल्थ अलाइड इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील व्यवहार करने के मामले में हाईकोर्ट बार ऐसोसिएशन के पत्र को पी.आई.एल.के रूप में सुना। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने कम्पनी का पक्ष सुनने के लिए 5 अगस्त की तिथि तय की है।
मामले के अनुसार उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.सी.एस.रावत और महासचिव सौरभ अधिकारी ने मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ के समक्ष पत्र लिखकर कहा कि उच्च न्यायलय के अधिवक्ता को तीन दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। उन्हें पहले नैनीताल के बी.डी.पांडे अस्पताल और फिर हल्द्वानी के कृष्णा नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
उन्हें 72 घंटे तक आई.सी.यू.में रखने के बाद देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीती 31 जुलाई को उनका तत्काल ऑपरेशन किया गया। बार की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया कि उनके सहयोगी अधिवक्ता के पास स्टार हैल्थ एलाइड इंश्योरेंस कंपनी की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, लेकिन इस कंपनी ने किसी भी उचित कारण से तत्काल वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया है।
जिसकी वजह से हॉस्पिटल में उन्हें वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ा। आरोप लगाया कि कम्पनी ने उपभोक्ता के साथ एक प्रकार से धोखाधड़ी की है। जब जरूरत पड़ने पर कम्पनी अपने उपभोक्ता का साथ नहीं दे रही है तो ऐसी स्वास्थ्य पालिसी का क्या फायदा ? इसलिए इसपर खण्डपीठ कोई उचित निर्णय लें।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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